साठ का दशक: तब पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश से बंजारे मवेशियों को लेकर बीजापुर पँहुचते थे.(यादों के झरोखे से..)
“बस्तर संभाग के वरिष्ठ पत्रकार एस करीमुद्दीन ने अपने यादों के झरोखे से बीते बस्तर की तस्वीर बताई है… जिसे सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत किया गया है” पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश इलाके में 60 की दशक में बंजारा परिवार हर साल बीजापुर अपने पालतु जानवरों के साथ आया करते थे। और बीजापुर के जंगलों में अपने जानवरों को चराया करते थे। उस समय वन विभाग का सख्त कानून था कि पालतु जानवरों को जंगल में चराने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती थी। बस्तर में सहज ही इजाजत मिल जाती
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