पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा- बाबरी के नीचे कोई राम मंदिर नहीं मिला था, फैसला सेकुलरिज्म के खिलाफ
नई दिल्ली पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरएफ नरीमन ने बाबरी विवाद से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि इन फैसलों में सेकुलरिज्म के सिद्धांत के तहत न्याय नहीं दिया गया। उन्होंने 2019 के ऐतिहासिक फैसले की भी आलोचना की, जिसमें विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण की अनुमति दी गई थी। जस्टिस नरीमन ने इसे ‘न्याय का बड़ा मजाक’ करार दिया और कहा कि इन फैसलों में सेकुलरिज्म को उचित स्थान नहीं दिया गया। जस्टिस नरीमन ने यह टिप्पणी "सेकुलरिज्म और भारतीय संविधान" विषय पर
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