यूं ही नही बनी रानी से मां और फिर देवी अहिल्या बाई होल्कर
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर विशेष यूं ही नही बनी रानी से मां और फिर देवी अहिल्या बाई होल्कर दूरदर्शी मां अहिल्या ने शुरु की विधवा पेंशन,नारी सशक्तिकरण की सशक्त हस्ताक्षर भोपाल आसान नही होता सत्ता के कठोर अपरिहार्य चलन को ढकेल कर, ममता को बरकरार रखते हुए सामाजिक रुढियों को तोड पाना। बात जब सदियों के काबिज धर्म और पारिवारिवारिक रस्मों और दौर को बदलने की हो तो अच्छे से अच्छे रणनीतिकार, राजनितज्ञ भी विरोध के डर से हिम्मत नही जुटा पाते है। इस रानी की न्याय
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