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कोई मुझे सोनम से मिला दो… मैं एक बार उसे सीने से लगाना चाहती हूं… लाशों के ढेर में बेटी को कैसे पहचानूं?…

इम्पैक्ट डेस्क.

राजधानी दिल्ली के मुंडका इलाके में शुक्रवार शाम इमारत में लगी आग में शवों के अवशेष मिलने से मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अब तक 27 मृतकों में आठ की ही पहचान हो पाई है। दिनभर लोग हाथ में अपनों की तस्वीर लिए इधर-उधर भटकते रहे। रोते-बिलखते परिजनों की अपनों के इंतजार में आंखें पथरा गईं। शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है, हादसे के बाद 31 लोग लापता हैं। इनमें कंपनी संचालक के पिता अमरनाथ भी शामिल हैं। वहीं, फोरेंसिक की दो टीमों ने शनिवार को मुंडका में घटनास्थल पर जांच की।  इस बीच, पुलिस ने सीसीटीवी और वाईफाई राउटर बनाने वाली कंपनी के संचालक भाइयों हरीश गोयल (48) और वरुण गोयल (38) को गिरफ्तार कर लिया है। इमारत की मालकिन सुशीला लाकड़ा, पुत्र मनीष लाकड़ा और पुत्रवधू सुनीता पर भी केस दर्ज कर पूछताछ की जा रही है।

बिल्डिंग को अवैध रूप से बनाया गया था, इसलिए वहां आग से बचाव के भी कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि लाल डोरे में बनी इस इमारत में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दिल्ली नगर निगम की ओर से कोई लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया था।

मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
दिल्ली सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का एलान किया। 

कूलिंग ऑपरेशन के बाद भी इमारत गर्म
इमारत का तापमान इतना ज्यादा था कि दमकलकर्मियों द्वारा कूलिंग ऑपरेशन किए जाने के बाद भी पुलिस व जांच टीम को अंदर जाने में बहुत परेशानी हो रही थी।

लाशों के ढेर में बेटी को कैसे पहचानूं…
कोरोना ने पहले पति को छीन लिया, अब बेटी मुझसे दूर है। मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है? कोई सोनम से मिला दो, मैं एक बार उसे सीने से लगाना चाहती हूं, यह कहते हुए सुनीता बेहोश हो गई। लेकिन डॉक्टर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। मुंडका के प्रेमनगर निवासी सुनीता ने बताया, परिवार में बड़ी बेटी सोनम व एक छोटी बेटी और एक बेटा है। बेटी सुबह फैक्टरी पहुंच गई थी। जल्दी आने का कहकर गई थी। मॉर्चरी में लाशों का ढेर लगा है।

डॉक्टर शवों में पहचान करने के लिए कह रहे हैं, सभी शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि कुछ भी पहचान में नहीं आ रहा है। सभी एक जैसे दिख रहे हैं। बेटी की तलाश कैसे करूं। सुनीता ने कहा, बीते वर्ष ही मेरे पति को कोरोना ने निगल लिया था, जिसके बाद बेटी घर की जिम्मेदारी निभा रही थी, लेकिन अब आग ने मेरे सहारे को भी मुझसे दूर कर दिया।