उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग-1) 2023 के पात्र अभ्यर्थियों को मिली राहत, जारी होंगे नियुक्ति पत्र
भोपाल
उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग-1) 2023 के पात्र अभ्यर्थियों को राहत मिल गई है। अब इनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। स्कूल शिक्षा विभाग नियुक्ति पत्र जारी करने की तैयारी में भी जुट गया है। इससे करीब प्रदेश के चार हजार पात्र अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। उच्च न्यायालय ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों के ईडब्ल्यूएस के पात्र अभ्यर्थियों की याचिका पर उनके पक्ष में निर्णय सुनाया है। 12 नवंबर से विभाग नियुक्ति पत्र जारी करना शुरू कर देगा। अभी उच्च माध्यमिक शिक्षक 2023 की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। आठ हजार 720 पदों पर भर्ती होनी है। यह पद स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग में हैं।
ये है पूरा मामला
स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-1 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए परीक्षा कराई थी। 29 सितंबर 2022 को नियुक्ति प्रक्रिया को नई भर्ती बताकर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोक दी गई। इससे 848 ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी, जबकि इस भर्ती को भी वर्ष 2018 के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही की गई थी। इस पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका लगा दी। इस कारण नई भर्ती पर रोक लगा दी गई। उच्च न्यायालय ने 848 अभ्यर्थियों को 45 दिन में नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
पदवृद्धि की भी उम्मीद
स्कूल शिक्षा विभाग अभी उच्च माध्यमिक शिक्षक 2023 भर्ती के लिए पहली काउंसलिंग ही कर रहा है। भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी लंबे समय से पदवृद्धि की मांग कर रहे हैं, इसे लेकर विभाग ने विषयवार खाली पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग से परामर्श भी ले लिया है।
बीएड प्रथम वर्ष में अध्ययनरत करीब 300 अभ्यर्थी परेशान
उच्च माध्यमिक शिक्षक 2023 पात्रता और चयन परीक्षा की नियमावली में स्कूल शिक्षा ने एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) के नियमों का पालन नहीं किया।
इसमें बीएड के प्रथम वर्ष में प्रवेशित पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। भर्ती के समय यह उल्लेख किया गया था कि दस्तावेज सत्यापन या काउंसलिंग के समय डिग्री पूरी होनी चाहिए।
पात्र अभ्यर्थी लक्ष्मण सिंह राठौर का कहना है कि अब बीएड कर चुके करीब 300 पात्र अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बाद नियुक्ति पत्र देने से इंकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में नियमों में संशोधन करते हुए बीएड प्रथम वर्ष में अध्ययनरत अभ्यर्थियों को वर्ग-1 में नियुक्ति के लिए पात्र माना गया है।