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एनसीईआरटी ने नकली पाठ्यपुस्तकों के प्रति लोगों को आगाह किया

नई दिल्ली
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने नकली स्कूली पाठ्यपुस्तकों को लेकर  चेतावनी जारी कर कहा कि इनमें तथ्यात्मक रूप से गलत सामग्री होने की आशंका है।

एनसीईआरटी ने अपनी पाठ्यपुस्तकों की अनधिकृत छपाई और उनकी व्यावसायिक बिक्री के प्रति लोगों को आगाह किया और उसकी शैक्षिक सामग्रियों के कॉपीराइट के उल्लंघन को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कुछ प्रकाशक एनसीईआरटी से अनुमति प्राप्त किए बिना इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्यपुस्तकों को अपने नाम से छाप रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "अगर कोई व्यक्ति व्यावसायिक बिक्री के लिए एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को पूर्ण या आंशिक रूप से प्रकाशित करता हुआ या कॉपीराइट अनुमति प्राप्त किए बिना अपने प्रकाशनों में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक की सामग्री का उपयोग करता हुआ पाया जाता है तो उसे कॉपीराइट अधिनियम 1957 के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।"

अधिकारी ने कहा, "आम जनता से अनुरोध है कि कृपया ऐसी पाठ्यपुस्तकों या वर्कबुक से दूर रहें क्योंकि उनकी सामग्री तथ्यात्मक रूप से गलत हो सकती है और साथ ही एनसीएफ (स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा) 2023 के मूल दृष्टिकोण के खिलाफ भी हो सकती है।"

उन्होंने कहा, "हम लोगों से आग्रह करते हैं कि अगर उन्हें ऐसी नकली पाठ्यपुस्तकों या वर्कबुक का पता चलता है तो वे इसकी सूचना तुरंत परिषद को दें।"

एनसीईआरटी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि तीसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तकें अप्रैल के अंतिम हफ्ते तक और छठी कक्षा की किताबें मई के मध्य तक उपलब्ध होंगी।

इसमें कहा था कि पहली, दूसरी, सातवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों के 2023-2024 संस्करणों की 1.21 करोड़ प्रतियां देश भर में जारी की गई हैं।