युवा त्वचा पाने के लिए प्राकृतिक और उपचारात्मक उपाय
30 साल का होना जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है. इस उम्र में, हम अपने करियर और निजी जीवन में कई बदलावों का अनुभव करते हैं. इतना ही नहीं इन बदलावों के साथ हमारी त्वचा पर भी उम्र के प्रभाव दिखने लगते हैं.
डॉ. नेहा खुराना, एमडी, त्वचा विशेषज्ञ और एस्थेटिक हाउस की संस्थापक, बताती हैं कि चेहरे पर महीन रेखाएं, झुर्रियां, असमान त्वचा का रंग और त्वचा में चमक की कमी आना – ये सभी चिंताएं 30 के दशक में शुरू हो जाती हैं. हालांकि यह एक नेचुरल प्रोसेस है जिससे बच पाना मुश्किल है. पर कुछ ट्रीटमेंट की मदद से इसे कुछ देर के लिए टाला जरूर जा सकता है.
लेजर ट्रीटमेंट
लेजर ट्रीटमेंट त्वचा की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं. यदि आप असमान त्वचा टोन, महीन रेखाओं या सूरज की क्षति से परेशान हैं, तो फ्रेक्सेल या सीओ2 लेजर जैसे उपचार आपके लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं.
डर्मल फिलर
डर्मल फिलर इंजेक्शन का उपयोग झुर्रियों को भरने, चेहरे में वॉल्यूम एड करने और कॉन्टॉर को बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह हाइलूरोनिक एसिड पर आधारित जुवेडर्म और रेस्टिलेन जैसे कुछ सामान्य फिलर होते हैं. ये होंठों को मोटा करने, चीकबोन्स को बढ़ाने और नसोलेबियल फोल्ड्स को कम करने में भी प्रभावी होते हैं.
बोटॉक्स
बोटॉक्स इंजेक्शन झुर्रियों को कम करने का काम करती है. इस ट्रीटमेंट के दौरान अस्थायी रूप से उन मसल्स को सुन्न किया जाता है जो झुर्रियों का कारण बनती हैं जैसे- माथे और भौंहों की रेखाएं.
माइक्रोनीडलिंग आर.एफ
माइक्रोनीडलिंग आर.एफ. स्किन में कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है. इससे त्वचा की कसावट बढ़ती है और निशान, गड्ढे, महीन रेखाएं कम नजर आने लगती है.
केमिकल्स पिल्स
केमिकल्स पिल्स त्वचा की कई समस्याओं को हल करने के लिए काफी लोकप्रिय हैं. इस ट्रीटमेंट में डेड सेल्स को हटाने का काम किया जाता है, जिससे त्वचा जवां नजर आती है. इसके लिए त्वचा के प्रकार और प्रॉब्लम के अनुसार त्वचा पर ए.एच.ए. और बी.एच.ए. जैसे पील्स का उपयोग किया जाता है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
सूरज की हानिकारक किरणें त्वचा की उम्र बढ़ने का मुख्य कारण हैं. इसलिए, हर दिन, बाहर निकलने से 15 मिनट पहले एसपीएफ 30 या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद होता है.