Madhya Pradesh

मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत क्षमता निर्माण नीति लागू करने में मप्र आगे

भोपाल
क्षमता निर्माण आयोग से मिले इनपुट को शामिल कर बनी क्षमता निर्माण नीति लागू करने में मध्य प्रदेश अग्रणी रहा है। सभी विभागों में क्षमता निर्माण इकाइयाँ स्थापित हो रही हैं, जो प्रशिक्षण की आवश्यकता का गहन विश्लेषण करने के बाद कैडर-वार क्षमता निर्माण योजनाएँ तैयार करेंगी। प्रत्येक विभाग क्षमता निर्माण प्रबंधकों की नियुक्ति करेंगे। उन्हें क्षमता निर्माण इकाइयों द्वारा सहयोग दिया जायेगा। क्षमता निर्माण प्रबंधकों द्वारा वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाएं तैयार की जाएंगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत जनशक्ति की दक्षता दर्शाने वाला एक डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है, जिससे माध्यम से मुख्यमंत्री कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता की स्थिति जान सकेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति हर छह महीने में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के संबंध में विभागों के प्रदर्शन पर निगरानी रखेंगे, जबकि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली क्षमता निर्माण परिषद सालाना इसकी निगरानी करेगी। आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, भोपाल में आज विभिन्न विभागों में मिशन कर्मयोगी के क्रियान्वयन की स्थिति पर आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी गई।

मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाना और उनकी क्षमता में निरंतर सुधार करना है। कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। मध्य प्रदेश क्षमता निर्माण नीति के अनुसार पदोन्नति के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। क्षमता निर्माण नीति 2023 प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विभाग में वेतन बजट का एक प्रतिशत अनिवार्य रूप से कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर खर्च किया जायेगा। यदि अधिक आवश्यकता हुई तो वित्त विभाग की अनुमति से इसे 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इससे प्रत्येक कर्मचारी को आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त होगा।

क्षमता निर्माण आयोग के सचिव श्री श्यामा प्रसाद राय ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि यह कर्मचारी से कर्मयोगी की ओर बदलाव है। इस प्रकार नियम आधारित मॉडल से भूमिका आधारित माडल बनाने की यात्रा शुरू हो गई है।यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। प्रशिक्षण की निरंतर आवश्यकता के मूल्यांकन के साथ वार्षिक क्षमता निर्माण प्लान बनाना आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि कार्यरत कर्मचारियों के लिए भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं की रूपरेखा बनाना अब अनिवार्य है। सेल्फ लर्निंग पोर्टल आईगाट के 14 लाख उपयोगकर्ता हैं और पांच लाख ने इसका उपयोग कर अनिवार्य पाठ्यक्रम किए हैं।

आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी के निदेशक श्री एमआर खान ने बताया कि नई क्षमता निर्माण योजना में कर्मचारियों की भूमिका को अधिक सार्थक और उपयोगी बनाना है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ने अपनी क्षमता निर्माण नीति को डिजाइन करने और लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें क्षमता निर्माण आयोग के इनपुट शामिल हैं। अकादमी की ओर से आईगाट पोर्टल पर महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और मॉड्यूल अपलोड कर रही है। समन्वयक श्री प्रमोद चतुर्वेदी ने वार्षिक संवर्गवार प्रशिक्षण योजना निर्माण के विभिन्न चरणों की जानकारी दी। श्री विनीत कपूर ने बताया कि विभिन्न पदों पर कार्यरत 71 हजार पुलिस अधिकारियों को नये आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है। आईटी विशेषज्ञ श्री निशिथ गुप्ता ने आईगाट पोर्टल के उपयोग की जानकारी दी।