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भारत ला रहा अपना ब्राउजर : गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज और मोजिला फायरफॉक्स जैसे इंटरनेट ब्राउजर की होगी छुट्टी!… जानें क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला?…

इम्पैक्ट डेस्क.

भारत जल्द ही गूगल को गुडबॉय कहने जा रहा है। क्योंकि भारत सरकार अपना स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर लाने जा रही है। इससे गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज, मोजिला फॉयरफॉक्स की छुट्टी हो जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक एंड आईटी मिनिस्ट्री की तरफ से इस मामले में एक प्लान तैयार किया गया है, जिसमें स्वदेशी ब्राउजर की जरुरतों का जिक्र किया गया है। सरकार की तरफ से स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर बनान के लिए 3 करोड़ की फंडिंग का ऐलान किया गया है। इसके लिए सरकार ने इंडियन स्टार्टअप और सॉफ्टवेयर की टीम को आमंत्रित किया है, जो स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर विकसित करने का काम करेंगे। इसके तैयार होने के बाद इसे सिक्योरिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके बाद यूजर्स स्वदेशी ब्राउजर का इस्तेमाल कर पाएंगे। मोदी सरकार ऐसा इंटरनेट ब्राउजर बनाना चाहती है, जो भारत के साथ ही ग्लोबली चुनौतियों का सामना कर पाए।

क्यों पड़ी स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर की जरूरत
गूगल क्रोम मोजिला फॉयरफॉक्स जैसे इंटरनेट ब्राउजर अपने रूट स्टोर में भारतीय प्रमाणन एजेंसियों को शामिल नहीं करते हैं। रूट स्टोर को ट्रस्ट स्टोर कहा जाता है, जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्लीकेशन की जानकारी दी जाती है, कि वो सिक्योर है या नहीं? इसके सर्टिफिकेशन में किसी भी भारतीय एजेंसी को नहीं शामिल किया गया है। साधारण शब्दों में कहा जाएं, तो ब्राउजर का भारत सरकार के साथ भारतीयों की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर तालमेल नहीं है, जिसकी वजह से भारत खुद का इंटरनेट ब्राउजर बनाने जा रहा है। भारत तेजी से डिजिटाइज्ड हो रहा है। ऐसे में ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी अहम मुद्दा बन गया है।

ब्राउजिंग में अमेरिकी कंपनियों का कब्जा
भारत में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट ब्राउजर में अमेरिकी कंपनियों का कब्जा है। गूगल क्रोम का भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके करीब 850 मिलियन यूजर हैं। गूगल क्रोम ब्राउजर अकेले भारत में हिस्सेदारी 88.7 फीसद है। इसके बाद 5.2 फीसद के साथ ऐपल सफारी का नाम आता है। वही माइक्रोसॉफ्ट एज की हिस्सेदारी 2 फीसद है। जबकि इस लिस्ट में सैमसंग 1.5 फीसद के साथ चौथे पायदान पर है। फॉयरफॉक्स मोजिला की हिस्सेदारी 1.28 फीसद है।

2024 तक हो सकती है लॉन्चिंग
केंद्र सरकार की तरफ से साल 2024 तक स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर को लॉन्च किया जा सकता है। इसमें स्टॉर्टअप, एकैडमिक इंस्टीट्यूशन, कॉरपोरेट की मदद ली जाएगी।