चुनावी सीजन में एक बार फिर से किसानों ने सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली , 13 फरवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च
चंडीगढ़/सोनीपत
लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है, सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है। इस चुनावी सीजन में एक बार फिर से किसानों ने सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है। गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से एमएसपी की गारंटी सहित कई अन्य मांगें किसानों की लंबित हैं। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले खत्म हुआ किसान आंदोलन एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व किसान शुरु करने के मूड में हैं। हरियाणा-पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के किसान13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे। एक शीर्ष किसान नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
200 किसान संगठन दिल्ली कूच को तैयार
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि देशभर से 200 से अधिक किसान संगठन "दिल्ली चलो" मार्च में भाग लेंगे। ये सभी संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का हिस्सा हैं। चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि जब किसानों ने जब निरस्त किये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने का वादा किया था।
केंद्र सरकार ने अभी तक एमएसपी को कानूनी गारंटी देने वाले वादों को पूरा नहीं किया। किसानों का आरोप है कि कॉरपोरेट क्षेत्र के दबाव के कारण सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च की तैयारियां चल रही हैं और किसान कई जगहों पर ट्रैक्टर रैलियां निकाल रहे हैं। डल्लेवाल ने कहा, "केवल पंजाब से ही नहीं, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के किसान भी इस मार्च में हिस्सा लेंगे।
सोनीपत में दिखा ट्रैक्टर मार्च का डेमो
जैसे-जैसे 13 फरवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे एक बार फिर किसान आंदोलन की आहट देश में सुनाई दे रही है। जिसको लेकर हरियाणा और पंजाब के किस संगठन लगातार युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता लगातार हरियाणा और पंजाब की अलग-अलग जिलों में बैठ कर कर रहे हैं और किसानों से दिल्ली कूच को लेकर समर्थन जुटा रहे हैं। आज सोनीपत में एक किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मिलकर एक ट्रैक्टर मार्च रिहर्सल के तौर पर किया और किसानों ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि अगर उन्होंने लाठी चार्ज और गोली चलाने से किसानों के रास्ते रोके तो किसान वहीं पर पक्के मोर्चे लगा देंगे और भाजपा सरकार के खिलाफ चुनाव में बड़ा रोष प्रदर्शन करेंगे।
किसानों ने भेजा 8 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ व किसान राज सिंह ने बताया कि 13 फरवरी को पंजाब और हरियाणा के किसान पंजाब से लगाती हुई तीन सीमाओं से हरियाणा के रास्ते दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने जाएंगे। इस दौरान अगर सरकार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वही पर पक्के मोर्चे लगा लेंगे। किसानों का कहना है कि सरकार के सामने उन्होंने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को मांग पत्र के जरिए भेज दिया है, लेकिन अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे बातचीत करने नहीं आया है।
इन मांगों में एमसपी गारंटी कानून और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की बरखास्तगी मुख्य मांग है। जिसको सरकार ने अभी तक नहीं माना है। हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि वो बेशक पहले की तरह बैरिकेटिंग कर लें, लेकिन किसान झुकने वाला नहीं है और हम लगातार किसान संगठनों का समर्थन जुटा रहे हैं।