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कोल्हापुर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 34 लोग बचाए गए, सात हजार लोग स्थानांतरित

मुंबई
कोल्हापुर जिले के कई शहरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से यहां की स्थिति खराब होती जा रही है। पंचगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 43 फीट से बढ़ कर 47.8 फीट तक पहुंच कर स्थिर हो गया है। 40 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। बाढ़ प्रभावित स्थलों पर फंसे 34 लोगों को बचाव दल ने सुरक्षित निकाल लिया है। जबकि 7,000 लोग स्थानांतरित किए गए हैं। एनडीआरएफ की दो टीमें और फायर ब्रिगेड के जवान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों के बीच बचाव अभियान चला रहे हैं।

जानकारी के अनुसार  सुबह से बारिश नहीं हो रही है लेकिन राधानगरी और बांधों से पानी का विसर्ग पंचगंगा नदी में किया जा रहा है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। हालांकि रविवार को सुबह राधानगरी बांध के दो स्वचालित गेट बंद कर दिये गए फिलहाल बांध के सिर्फ दो गेट से पानी का विसर्ग जारी रखा गया है। पंचगंगा का जलस्तर जो शुक्रवार को 46.4 फीट था, वह शनिवार की रात 9 बजे 47.8 फीट पर पहुंच गया, जो स्थिर बना हुआ है।

पंचगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से आइडियल कॉलोनी, गायकवाडवाड़ा, पंचगंगा तालीम, सुतारवाड़ा, सीता कॉलोनी, सीपीआर चौक, लक्षतीर्थ कॉलोनी में विश्वकर्मा अपार्टमेंट के पीछे खानविलकर, विंस हॉस्पिटल, पोलो ग्राउंड रामनमाला पैलेस ऑर्किड अपार्टमेंट, माली माला, उल्पे माला, मुक्ता सैनिक कॉलोनी, सफायर पार्क आदि इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे कोल्हापुर वासियों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले 24 घंटे में बारिश और बाढ़ की वजह से जिले में 48 पक्के मकान और 402 कच्चे मकान ढह गये हैं। इसके अलावा 50 पशु शेड भी ढह गये हैं। सार्वजनिक संपत्तियों को 1 लाख 97 हजार रुपये का नुकसान हुआ, जबकि 503 निजी संपत्तियों को 2 करोड़ 2 लाख 85 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।