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अवकाश के दिन आन डिमांड प्रशिक्षण के अंतर्गत शिक्षकों ने सीखा फोल्डस्कोप बनाना

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इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर।

राज्य में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विज्ञान को अनुभव आधारित एवं करके सीखने के उद्देश्य से राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ द्वारा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई के सहयोग से रविवार को अवकाश के दन एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया |

इस कार्यशाला को आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण अर्थात डिमांड आधारित प्रशिक्षण के प्रारूप में संचालित किया गया | इसमे अवकाश के दिन केवल उन्हीं शिक्षकों को आमंत्रित किया गया जो विज्ञान में कुछ नया सीखने हेतु आतुर थे और अपने अवकाश का उपयोग स्वयं के क्षमता विकास हेतु लगाना चाहते थे | शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यशाला में रायपुर एवं आसपास के लगभग सौ सरकारी उच्च प्राथमिक एवं सेकन्डरी स्तर के शिक्षकों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दी |

सभी प्रतिभागियों को मुम्बई टाटा इन्स्टीटयूट से आये विशेषज्ञों द्वारा फोल्डस्कोप बनाना सिखाया गया एवं प्रत्येक प्रतिभागी को एक एक फोल्डस्कोप किट उनके स्कूल में उपयोग हेतु दिया गया | 

फोल्डस्कोप एक पोर्टेबल लेकिन कम लागत वाला और सुलभ ऑप्टिकलमाइक्रोस्कोप है जिसे पारंपरिक माइक्रोस्कोप के विपरीत कार्डस्टॉक की एकछिद्रित शीट से बनाया जा सकता है। 140X के आवर्धन के साथ, फोल्डस्कोप बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों जैसी छोटी चीज़ों के साथ-साथकीड़ों, पौधों, कपड़ों और ऊतकों जैसे बड़े नमूनों की कल्पना कर सकता है। फोल्डस्कोप इमेजिंग के लिए मोबाइल फोन से भी जुड़ सकता है। यहपोर्टेबल माइक्रोस्कोप वाटरप्रूफ भी है।

यह कार्यशाला शिक्षण और सीखने के विज्ञान को अधिक समझने योग्य औरसीखने के उद्देश्यों के साथ संरेखित करने की दिशा में एक प्रभावी कदमसाबित होगी। ऐसी कार्यशालाएं निश्चित रूप से राज्य में STEM सीखने कोबढ़ावा देंगी।

इस कार्यशाला में सभी शिक्षकों ने ओन-डिमांड शिक्षक प्रशिक्षण मेंस्वैच्छिक रूप से प्रतिभाग किया | उत्साहित शिक्षकों ने रविवार (अवकाश) को कार्यशाला के लिए निर्धारित करने का आग्रह किया ताकि उनके कारणछात्रों की पढाई आदि प्रभावित न हो | महासमुंद जिले से आये शिक्षक श्री प्रवीन कुमार साहू के शब्दों में  “यह प्रशिक्षण बहुत ही प्रभावशाली रहा, हमनेइसमें न सिर्फ इस यंत्र को बनाना सीखा बल्कि इसके द्वारा विभिन्न सूक्ष्मजीवों, तन्तुओं, रेशों इत्यादी को बहुत ही अच्छे ढंग से देखा, अब हम इनसूक्ष्म चीज़ों को अपने छात्रों को दिखाने के उत्सुक हैं” 

तारकेश्वर डडसेना, शिक्षक रायपुर द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अभी तक हम अपने शिक्षकों को सूक्ष्मजीवों को श्यामपट में चित्र बनाकर दिखाते थे लेकिन अब हम अपने बनाए फोल्डस्कोप का उपयोग कर अपने बच्चों को सूक्ष्मजीवों को जीवित अवस्था में दिखा सकेंगे | 

श्री योगेन्द्र कुमार चंद्राकर कहते हैं कि अब वे अपने विद्यार्थियों को विज्ञान शिक्षण के दौरान और अधिक सक्रिय रख सकेंगे और विज्ञान की कक्षाओं को बेहतर, प्रभावी और रोचक कर सकेंगे |