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भारत के लिए सिंगापुर से अधिक निवेश लाने को प्रतिबद्ध : भारतीय उच्चायुक्त

सिंगापुर

भारतीय उच्चायोग सिंगापुर से भारत में अधिक से अधिक निवेश के लिए काम कर रहा है। भारतीय उच्चायुक्त शिल्पक अंबुले ने यह बात कही है।

अंबुले ने कहा कि भारत के बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा और आधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने आक्रामक तरीके से प्रगति की है, ऐसे में हम भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अधिक से अधिक निवेश लाने का प्रयास कर रहे हैं।

उच्चायुक्त ने वृद्धि को गति देने वाले तीन कारकों का उल्लेख करते हुए कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के साथ भारत के लिए यह हरित वृद्धि होगी। इसके अलावा आर्थिक गतिविधियों के सुगम प्रवाह के लिए डिजिटल ढांचा बनाया गया है। साथ ही भारत की सतत वृद्धि भी एक कारक है जिसकी वजह से उसे निवेश मिलेगा।

उच्चायुक्त ने शाम यहां '2024 बजट विश्लेषण – सिंगापुर और भारत' कार्यक्रम में कहा, ''हम सिंगापुर से भारत में अधिक निवेश लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''

उन्होंने भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने वाली आर्थिक गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला पर भी प्रकाश डाला। इसमें युवाओं को कुशल बनाने का प्रयास, सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास और महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास शामिल है।

बंद नहीं होगा डाबोलिन हवाई अड्डा : अधिकारी

पणजी,
डाबोलिम स्थित गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (जीआईए) के प्रबंधन ने इसके (हवाई अड्डे के) बंद होने की आशंकाओं को खारिज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस हवाई अड्डे में व्यापक संभावनाएं और यहां से उड़ानों का परिचालन जारी रहेगा।

इन खबरों के बीच कि एक निजी एयरलाइन अपना परिचालन दक्षिण गोवा जिले में डाबोलिम स्थित हवाई अड्डे से उत्तरी गोवा जिले के मोपा में मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एमआईए) में स्थानांतरित कर रही है, विपक्षी कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

हाल में गोवा विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने दावा किया था कि जीआईए में महंगी परिचालन लागत के कारण उड़ान परिचालन को एमआईए में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

 पत्रकारों से बात करते हुए जीआईए के निदेशक एस वी टी धनमजय राव ने कहा कि डाबोलिम हवाई अड्डे का विकास जारी रहेगा क्योंकि इसमें 'अच्छी संभावनाएं' हैं।

दक्षिण गोवा में वास्को शहर के पास स्थित जीआईए नौसेना के आईएनएस हंसा बेस का हिस्सा है।

राव ने कहा, ''यह कहना गलत है कि डाबोलिम हवाई अड्डे पर परिचालन लागत अधिक है। यह एक गलत धारणा है।''

उन्होंने कहा, ''डाबोलिम हवाई अड्डे को बचाने के नाम पर कुछ लोग गलत जानकारी फैला रहे हैं जिससे इसकी संभावनाएं प्रभावित होंगी।''

राव ने कहा कि डाबोलिम हवाई अड्डे पर उपयोगकर्ता विकास शुल्क एमआईए की तुलना में कम है और इसकी परिचालन लागत भी कम है।