मुख्यमंत्री ने किर्गिस्तान में छात्रों से बात की, हरसंभव मदद का दिया आश्वासन, साय ने उन्हें अपना ख्याल रखने के लिए कहा
रायपुर
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किर्गिस्तान में हिंसा की घटनाओं की पृष्ठभूमि में उपजी चिंताओं के बीच वहां अध्ययनरत राज्य के छात्रों से बात की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार किर्गिस्तान सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में विदेशियों को निशाना बनाने की घटनाओं के बाद वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। वहां छात्रों को घर के भीतर ही रहने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 70 छात्रों सहित भारत के लगभग 15 हजार छात्र किर्गिस्तान में चिकित्सा और अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के निवासी छात्र विजय और पड़ोसी जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली शिवानी से फोन पर बात की और उनका हालचाल पूछा। साय ने उन्हें अपना ख्याल रखने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने दोनों छात्रों से कहा कि भारत सरकार किर्गिस्तान के साथ लगातार संपर्क में है और छात्रों को चिंता करने की जरूरत है। साय ने छात्रों से कहा कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो वे छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क करें और आश्वासन दिया कि कठिन परिस्थिति में राज्य और केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी हैं। अधिकारियों ने बताया, ”छात्रों ने मुख्यमंत्री को वहां की तनावपूर्ण स्थिति के बारे में बताया। छात्रों ने बताया कि उन्हें हास्टल से निकलने की अनुमति नहीं है, उन्हें भोजन-पानी वहीं उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्होंने वापसी के लिए टिकट बुक करा ली है।”
साय ने छात्रों से कहा कि यदि उन्हें कोई भी परेशानी हो तो वे सभी छत्तीसगढ़ सरकार से अवश्य संपर्क करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, भारत सरकार के सहयोग से आप सभी की सुरक्षित वतन वापसी सुनिश्चित करेगी। इस बीच, बिश्केक में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही छात्रा आयशा शेरेन राय के परिवार के सदस्यों ने अधिकारियों से उसकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है। परिवार के सदस्यों द्वारा साझा किए गए एक वीडियो संदेश में, छात्रा आयशा ने कहा, ”मैं किर्गिस्तान में एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की छात्रा हूं। मैं यहां फंस गई हूं और यहां हालात बहुत खराब हैं। मैं अपने देश लौटना चाहती हूं। मैं छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार से हमें बचाने की अपील करती हूं।”
आयशा के मामा ओलिवर राय ने कहा, ”मेरी भांजी बिश्केक में फंस गई है। वहां विदेशी छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है और उन पर हमला किया जा रहा है। मीडिया में स्थिति स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई जा रही है लेकिन मेरी भांजी ने मुझे वहां हो रही हिंसा के बारे में बताया। मैं हमारे मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष (रमन सिंह) से उन्हें बचाने का अनुरोध करना चाहूंगा। वह वहां एमबीबीएस के छठे सेमेस्टर में है।” ओलिवर ने कहा कि छात्रों को वहां छुपा कर रखा गया है। उन्होंने दावा कि वहां भारतीय दूतावास उनके फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहा है।