Breaking News

GOOD GOVERNANCE : कोरोना संक्रमण के इस काल के बाद हर किसी के काम और विवेक की समीक्षा होना तय… फिलहाल भूपेश पूरे अंकों के साथ पास…

  • इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

रायपुर में भले ही लॉक डाउन से सड़कें सूनी हो चुकी हों। बाजार में भीड़ नहीं दिख रही है। कहीं अफरा—तफरी का माहौल नहीं है। शायद यही सही वक्त है जब किसी सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी क्षमता का प्रदर्शन करे और लोगों के मन में जगह बनाए। इस कठोर परीक्षा की घड़ी में भूपेश पूरे अंकों के साथ पास होते दिख रहे हैं।

बीते एक सप्ताह में करीब 300 से ज्यादा आदेश की कॉपी देखी जा सकती है। वे लॉक डाउन में हैं और पूरा पालन भी कर रहे हैं पर साथ ही यह भी ​स्थापित करते दिख रहे हैं जब मानव पर संकट आया हो तब मंत्री को घर बैठकर टीवी चैनल देखना और उसकी तस्वीर लोगों तक पहुंचाकर संदेश देने की बजाय उस काम को करना चाहिए जिससे अंतिम व्यक्ति का भला हो सके।

कोरोना संक्रमण के इस काल के बाद हर किसी के काम और विवेक की समीक्षा होना तय है। जनप्रतिनिधि से लेकर हर उस व्यक्ति की जिसने अपनी सहभागिता प्रदर्शित की हो। भूपेश ने यह व्यक्तिगत तौर पर करके दिखाया है।

आज सुबह जब देखा कन्हैया गुपचुप ठेला वाला सब्जी लेकर हमारी कॉलोनी पर पहुंचा। वहां उसे देखकर लोगों में राहत थी। मैंने उससे पूछा सब्जी बेच रहे हो…। उसका जवाब मार्मिक था साहब बंद में गुपचुप का ठेला तो नहीं लग सकता था। परिवार पालना है तो सब्जी बेचना ठीक है। पुलिस भी कुछ नहीं कर रही है। आप सोचिए क्या यह गुड गर्वनेंस का उदाहरण नहीं है?

भूपेश के सामने शायद यही सबसे बड़ी चुनौती थी। लोग तो लॉक डाउन में घरों में रह लेंगे उनके लिए राशन—पानी का इंतजाम और उन लोगों की कमाई जो ठेले—खोमचे लगाकर परिवार का पेट पालते थे। यह तभी हो सकता था जब वे कड़ाई के साथ संवेदनशीलता और दूरदर्शिता का प्रदर्शन कर सकें…

अफसरों पर उनका नियंत्रण देखते ही बन रहा है। यह लग रहा है कि अरसे के बाद सीएम इन पब्लिक सर्विस को महसूस किया जा सकता है। इससे पहले के अनुभव को बताने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता पर सच यही है कि केवल सरल और सहज होने भर से काम नहीं चलता। लोगों को रिजल्ट चाहिए केवल रिजल्ट।

यह अवसर था जब पूरे प्रदेश में भारी अफरा—तफरी की स्थिति निर्मित हो सकती थी। पर ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश के सभी हिस्सों में राशन के वितरण और उसकी व्यवस्था को लेकर प्रशासन का जबरदस्त नियंत्रण साफ दिख रहा है। रायपुर में घर—घर स​ब्जी और फल आ रहा है। लोग लॉक डाउन का पालन करते बिना भगदड़ मचाए कर रहे हैं।

पुलिस, नगर निगम और प्रशासन ने अपना सर्वस्व दिया हुआ है। चिकित्सकों की टीम 24 घंटे अपनी सेवा दे रही है। यह तब और अच्छा लगता है जब मुख्यमंत्री किसी ट्वीट पर झारखंड के मुख्यमंत्री को आश्वस्त करते हैं “उनके प्रदेश के मजदूरों को सुरक्षित भेजने और खाने—पीने की व्यवस्था के साथ।” तब और अच्छा लगता है जब वे यहां बैठकर सूचना मिलने के बाद “जम्मू—कश्मीर में फंसे मजदूरों के लिए इंतजाम करते हुए प्रदेश की जनता को आश्वस्त करते हैं।”

गांव—गरीब—किसान और आम लोगों से जुड़ी व्यवस्था के साथ ही मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लिए भी राह खुलेगी ऐसी उम्मीद भी लोगों में जागी है।

देश में सबसे पहले लॉक डाउन जैसे हालात को सीएम भूपेश बघेल ने लेकर अपनी दूरदर्शिता का प्रदर्शन किया है। यह शाबासी के लिए नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ में रह रहे लोगों के लिए आने वाले समय में बड़ी विपत्ति को भांपने जैसा है। यदि ऐसा नहीं किया गया होता तो आज छत्त्तीसगढ़ की स्थिति भी पड़ौसी राज्यों महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना और आंध्र जैसे ही होते उससे कम होने का सवाल ही नहीं उठता।

इससे बड़ी बात यह है कि प्रदेश में फिलहाल सबकुछ संभला—संभला सा लग रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पूरी तरह चौकन्ने हैं। विडियो कान्फरेंसिंग से बैठके ले रहे हैं जायजा ले रहे हैं सुझाव दे रहे हैं। खाद्य मंत्री राशन पानी की चिंता में हैं।

आतंक का भाव केवल बाहरी दुनिया की खबरों को लेकर है। यहां पाजिटिव संक्रमण की संख्या पूरी तरह से नियंत्रण में बनी हुई है। प्रदेश में करीब 15 हजार लोग होम आईसोलेशन में हैं। पर किसी को इस बात की चिंता नहीं है कि यहां ​कुछ बिगड़ने जैसा है।

क्योंकि जो लोग चिन्हित किए गए हैं उन्हें पूरी तरह निगरानी में रखा गया है। बराबर स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी जांच और पड़ताल कर रही है। बाहरी लोगों की तेजी के साथ पता—साजी की जा रही है।

लॉक डाउन के बाद शुरूआती दिनों में जिस तरह से लोगों ने उत्साह का प्रदर्शन किया और पुलिस ने बर्बरता का उसका भी समाधान निकल गया है लगने लगा है। अब प्रदेश में पुलिस दूसरे तरीके से लोगों को घर पर रहने और बाहर निकलने से बचने की जुगत में लगी है।

यही मुख्यमंत्री का काम है। उसे प्रदेश के हर कोने की हकीकत उसका सिस्टम बताए और उस पर मुख्यमंत्री तत्काल निर्णय ले। यह स्थापित करे कि यहां लोकतंत्र और जनतंत्र का पूर्ण समावेश है।

यह वक्त आने वाले दिनों में इतिहास में दर्ज होगा और यह बार—बार याद दिलाता रहेगा कि जब पूरी दुनिया में विपत्ति आई थी तब छत्तीसगढ़ ने दुनिया को दिशा दिखाई। प्रधानमंत्री के हर आव्हान का अक्षरश: पालन और अपने सिस्टम को शानदार तरीके से उपयोग करने के लिए भूपेश बघेल बधाई के पात्र हैं।

हां, एक बात और…

प्रदेश को स्वस्थ रखना है और मानव जाति को सुरक्षित रखना है तो लॉक डाउन के नियमों का पालन करें… घर पर रहें… सुरक्षित रहें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *