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‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ अधिनियम के तहत दर्ज मामले में लटकी गिरफ्तारी की तलवार, गैर-जमानती वॉरंट

बेंगलुरु
‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। कोर्ट द्वारा वॉरंट ऐसे समय में जारी किया गया है जब कुछ ही घंटे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रहे अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन्हें पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया है और अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, 17 वर्षीय एक लड़की की मां की शिकायत के आधार पर येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि इस साल दो फरवरी को येदियुरप्पा ने यहां डॉलर कॉलोनी में अपने आवास पर मुलाकात के दौरान उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था। सदाशिवनगर थाने में मुकदमा दर्ज किए जाने के कुछ ही घंटे बाद 14 मार्च को कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन ने एक आदेश जारी कर मामले को तत्काल प्रभाव से जांच के लिए सीआईडी ​​को सौंप दिया था। येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली 54 वर्षीय महिला की पिछले महीने यहां एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर के कारण मौत हो गई थी। येदियुरप्पा (81) ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा कि वह कानूनी तरीके से मामले में लड़ेंगे। उन्होंने अदालत से प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया है।

कर्नाटक में यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज आरोपों के परिप्रेक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की ओर से पूछताछ के लिए बुलाये जाने तथा गैर-जमानती वारंट की मांग किये जाने से यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) मामले में उनकी (श्री येदियुरप्पा) गिरफ़्तारी की संभावना जतायी जा रही है।

इस बीच श्री येदियुरप्पा ने मामले को खारिज करने के लिए यह कहते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है कि उन्होंने पूरे जांच के दौरान अधिकारियों के साथ लगातार सहयोग किया है।गौरतलब है कि एक महिला ने श्री येदियुरप्पा पर अपनी बेटी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। तथ्य यह भी है कि कथित पीड़िता की हाल ही में मृत्यु हो गयी है, जिससे मामले में और अधिक जटिलताएं सामने आयी है। मामले की गंभीरता से जांच कर रही सीआईडी की ओर से 15 जून तक आरोप पत्र प्रस्तुत किये जाने की उम्मीद है।