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अक्षय खन्ना:अब करेंगे ओटीटी डेब्यू

मुंबई

बॉलीवुड एक्टर अक्षय खन्ना आज 49 साल के हो चुके हैं। ये जाने-माने एक्टर विनोद खन्ना के छोटे बेटे हैं। अक्षय ने पिता विनोद खन्ना के प्रोडक्शन में बनी फिल्म हिमालय पुत्र से बॉलीवुड डेब्यू किया था, लेकिन 1999 में हिट फिल्म ताल से इन्हें पॉपुलैरिटी मिली। अक्षय ने ताल, बॉर्डर, हलचल, हंगामा, गांधी माय फादर, रेस, दिल चाहता है जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। हालांकि तब भी इन्हें फिल्म इंडस्ट्री में वो मुकाम नहीं मिला जिसके ये हकदार थे।

22 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले अक्षय 19 साल की उम्र में बाल झड़ने की समस्या से जूझने लगे थे। करियर आगे बढ़ा तो अक्षय की ये समस्या और गहरी हो गई जिसका असर उनके फिल्मी करियर पर भी पड़ने लगा। अक्षय ने फिल्मों से कुछ सालों का दो बार ब्रेक भी लिया। 27 साल के करियर में अक्षय करीब पांच साल तक घर बैठे। इनकी पिछली फिल्म दृश्यम 2 थी जो कि 2022 में रिलीज हुई थी। अक्षय अब अपने डिजिटल डेब्यू की तैयारी कर रहे हैं। वो रवीना टंडन के साथ वेब सीरीज ‘लिगेसी’ में नजर आएंगे। अक्षय का जन्म 28 मार्च 1975 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। पिता विनोद खन्ना और मां का नाम गीतांजलि है। अक्षय के माता-पिता दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं। विनोद खन्ना की डेथ 2017 में हुई थी जबकि मां गीतांजलि 2018 में दुनिया से चल बसीं। एक्टर राहुल खन्ना अक्षय के बड़े भाई हैं। अक्षय की शुरूआती पढ़ाई बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल, बाबुलनाथ में हुई। इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई लॉरेंस स्कूल, लवडेल, ऊटी से की।

अक्षय का पढ़ाई में खास मन नहीं लगता था। वो हमेशा से पढ़ाई से ज्यादा स्पोर्ट्स में इंटरेस्टेड थे। 17 साल की उम्र में अक्षय ने कॉलेज का एग्जाम इसलिए नहीं दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं वो फेल न हो जाएं। इससे भी ज्यादा वो इस बात को लेकर चिंतित थे कि अगर वो फेल हो गए तो पेरेंट्स को क्या मुंह दिखाएंगे। 12वीं के बाद अक्षय बिल्कुल भी आगे पढ़ाई नहीं करना चाहते थे, लेकिन पेरेंट्स से ये बात कहने में भी वो झिझक रहे थे। आखिरकार एक दिन अक्षय ने हिम्मत करके पिता से कह दिया कि वो आगे नहीं पढ़ना चाहते। ये बात सुनते ही विनोद खन्ना भड़क गए, लेकिन काफी मनाने के बाद मान गए। इसी दौरान अक्षय ने ये इच्छा भी जाहिर कर दी कि वो फिल्मों में करियर बनाना चाहते हैं। विनोद खन्ना ने अपने बेटे के इस सपने का विरोध नहीं किया। उन्होंने अक्षय को पहले एक्टिंग सीखने की सलाह दी और उनका दाखिला किशोर नमित कपूर के एक्टिंग स्कूल में करवा दिया। यहां एक्टिंग की बारीकियां सीखने के बाद विनोद खन्ना ने उनके लिए हिमालय पुत्र नाम की फिल्म में पैसा लगाया। इस फिल्म के डायरेक्टर पंकज पाराशर थे। 1997 में हिमालय पुत्र के जरिए अक्षय को बॉलीवुड में ड्रीम लॉन्चिंग मिली, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही। इसके बावजूद अक्षय को फिल्म में सराहा गया।

उन्हें हिमालय पुत्र के लिए बेस्ट मेल डेब्यू का स्क्रीन अवॉर्ड मिला। इस फिल्म के बाद अक्षय जेपी दत्ता की वॉर ड्रामा फिल्म बॉर्डर में सनी देओल, सुनील शेट्टी और जैकी श्रॉफ जैसे स्टार्स के साथ नजर आए। फिल्म में अपने किरदार के लिए अक्षय को बेस्ट मेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। बॉर्डर 1997 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दूसरी फिल्म थी। 1997 में ही अक्षय की तीसरी फिल्म मोहब्बत रिलीज हुई जिसमें उनके अपोजिट माधुरी दीक्षित थीं। फिल्म फ्लॉप रही। इसके बाद भी अक्षय की बैक टु बैक फिल्में आईं जिनमें डोली सजा के रखना, कुदरत जैसी फिल्में शामिल थीं। ये सभी फ्लॉप रहीं। क्रिटिक्स ने अक्षय की नाकामयाबी पर कहा कि वो कन्वेंशनल हीरो की छवि में फिट नहीं बैठते इसलिए दर्शकों के बीच उनके लिए अपनी जगह बनाना आसान नहीं। अक्षय के लिए 1999 का साल सबसे कामयाब साबित हुआ। इस साल पहले उन्हें ऋषि कपूर की बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म आ अब लौट चलें में काम करने का मौका मिला। ये फिल्म इंडिया में तो खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन ओवरसीज में इसने अच्छी कमाई की थी। 1999 में अक्षय की दूसरी फिल्म लावारिस पिट गई। हालांकि इसी साल ताल ने उन्हें सही मायनों में असली कामयाबी दिलाई। सुभाष घई की इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म में अक्षय ऐश्वर्या के अपोजिट कास्ट किए गए थे। ताल 1999 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली चौथी फिल्म थी। ताल ही वो फिल्म थी जिससे अक्षय ने अपने करियर में बॉर्डर के बाद पहली बार कॉमर्शियल सक्सेस पाई थी। हालांकि ताल के बाद अक्षय की ज्यादातर फिल्में फ्लॉप साबित हुईं।