प्रधानमंत्री आवास निर्माण में मैदानी दिक्कतों पर प्रशासनिक संज्ञान की दरकार…
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दंतेवाड़ा, 08 ·दिसम्बर . केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के विषय में अब छत्तीसगढ़ में चर्चा शुरू हो गयी है ।बताना जरूरी है कि इस योजना के हितग्राहियों के खाते में किश्तवार सीधे राशि डाल दी जाती है और अधिकतर हितग्राही इस राशि का दुरुपयोग भी कर देते हैं ।प्रायः यह देखा जाता कि पंचायत के सचिवों पर हितग्राहियों के आवासों की समयसीमा में निर्माण किये जाने का दवाब होता है लेकिन व्यवहार में अनेक दिक्कतें भी आ रही हैं जिन्हें प्रशासन को संज्ञान लेने की जरूरत है ।
समस्या के समाधान के लिए कुछ सुझाव भी हैं मसलन इस योजना के हितग्राहियों के खाते में आवास हेतु डाली गई रकम को फ्रीज किया जाना चाहिए ताकि उस राशि का उपयोग केवल आवास निर्माण में किया जा सके ।साथ ही हितग्राही के आवास निर्माण स्थल के चयन पूर्व स्थानीय पदस्थ हलका पटवारी की भी जवाबदेही तय हो ताकि हितग्राही आवास बनाने के लिए गंभीर हो और भविष्य में स्थल को लेकर विवाद न हो। देखा जाता है कि जिले के अधिकारी इन आवासों के निर्माण के लिए एकतरफा जवाबदारी पंचायत कर्मियों पर डाल देते हैं लेकिन मैदान में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों का कोई समाधान नहीं निकाला जाता है ।इन कर्मियों ने बताया कि हितग्राहियों के असहयोग और निर्माण पूर्व आधार कार्ड के माध्यम से लोकसेवा केंद्रों में राशि निकाल ली जाती है इस प्रकार की स्थिति निर्मित न हो इसलिए प्रशासन को योजना की राशि और अन्य प्रशासनिक अमले की सहभागिता भी सुनिश्चित करने की जरूरत महसूस की जा रही है ।उल्लेखनीय है वर्तमान में भाजपा की सरकार की प्राथमिकता में शामिल इन आवासों को लेकर लगातार जिला पंचायत में बैठक जारी है लिहाजा अभी समय भी है कि आवास निर्माण के लिए जरूरी सुधार किए जाय ताकि रेकॉर्ड स्तर पर लक्ष्य सुविधाजनक हासिल किया जा सके ।