जमीन के नीचे दो मंजिला महल : फकीर पप्पू बाबा की कलाकारी ऐसी की हर कोई देखकर रह जाएगा दंग… देंखे फोटो…
इम्पैक्ट डेस्क.
हरदोई. उत्तर प्रदेश के हरदोई फकीर पप्पू बाबा का महल इन दिनों सुर्खियों में है। पप्पू बाबा ने एक खूबसूरत घर बनाने का सपना देखा था। लेकिन, पिता की मौत के बाद सब कुछ खत्म हो गया। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। जमीन के भीतर ऐसे घर का निर्माण किया है, जिसको आज देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जमीन के भीतर दो मंजिला महल का निर्माण करने में उन्हें करीब 12 वर्षों का वक्त लगा। हरदोई के इरफान की इस कारीगरी को जो कोई देखता है, उनकी कला का मुरीद हो जाता है। इरफान को लोग पप्पू बाबा के नाम से भी जानते हैं। 12 साल में उन्होंने जो कलाकारी का बेहतरीन नमूना तैयार किया है, उसमें पुराने जमाने की नक्काशी की गई है। इस अंडरग्राउंड महल में 11 कमरे, सीढ़ियां, एक गैलरी और एक ड्राइंग रूम है।
2011 में शुरू कराया था निर्माण
इरफान ने इस अंडरग्राउंड महल का निर्माण वर्ष 2011 में शुरू किया था। वह इस महल को आगे और विस्तार देने की बात करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी के बारे में इरफान बताते हैं कि इसे खुर्पे की मदद से उन्होंने महल की दीवारों पर उकेरा है। इरफान बताते हैं कि मैंने इसी घर में अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा गुजारा है। केवल खाना खाने के लिए अपने घर जाता हूं। भोजन करने के बाद वापस अपने महल में लौट जाता हूं।
पिता की मौत के बाद आया बदलाव
इरफान के पिता की मौत ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। वर्ष 2010 तक वे अपने परिवार के साथ रहते थे। इसी साल उनके पिता की मौत हो गई। इस घटना ने इरफान को झकझोड़ दिया। उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। पहले राजनीति में जाने की कोशिश की। चुनावी मैदान में उतरे। हार गए। जीवन की चुनौतियां बढ़ रही थीं। असफलताओं ने जीवन को निराशा से भरना शुरू किया तो उन्होंने अपना घर छोड़ दिया। इसके बाद चुनौतियों से पार पाने के लिए एक लक्ष्य तय किया। उस लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण दिखाया। लक्ष्य था एक ऐसे महल का निर्माण, जो हर किसी के लिए अनोखा हो।
जगह तय किया और जुट गए
इरफान ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जगह की तलाश शुरू की। उन्हें एक सुनसान जगह दिखी। उन्होंने वहां पर अंडरग्राउंड महल बनाने के विचार के साथ काम शुरू किया। यह इलाका बंजर था। लोग भी इसको अधिक तरजीह नहीं देते थे। लेकिन, इरफान ने अपनी मेहतन से जमीन के भीतर महल बनाया। बाहर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए जमीन के भीतर से निकलने वाली मिट्टी का प्रयोग किया। दोनों कार्य में सफलता मिली। जमीन खेती के लायक हो गई। किसान बनकर जीवन यापन करने लगे। वहां एक कुआं भी खुदवाया, लेकिन गुंडों ने उसे नष्ट कर दिया। अब इरफान की कलाकृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इसे देखने लोग दूर से पहुंच रहे हैं।
टाइटैनिक हाउस के बाद अंडरग्राउंड महल
टाइटैनिक जहाज की तर्ज पर महल निर्माण के बाद अब यह अंडरग्राउंड महल चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, कुछ समय पहले मिंटू राय का घर चर्चा में आ गया था। उन्होंने अपने घर को टाइटैनिक जहाज की तर्ज पर डिजाइन कराया है। पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के हेलेंचा गांव के रहने वाले मिंटू करीब 25 साल पहले फांसीदेवा सब डिवीजन में बस गए थे। 2010 में इस किसान ने अपने टाइटैनिक घर के सपने पर काम किया। वित्तीय बाधाओं के बाद भी इसे पूरा कराया।