भाजपा ने लोगों से हिम्मत छीन ली : SC के ‘धाकड़’ वकील दुष्यंत दवे ने सरकार से लेकर कोर्ट तक को सुना दिया…
इम्पैक्ट डेस्क.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने एक इंटरव्यू में मोदी सरकार से लेकर न्यायपालिका तक को सुना दिया। नेताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में यह दुख की बात है कि कानून व्यवस्था इतनी कमजोर है कि जो केसेज (नेताओं के खिलाफ) हमें जल्दी से निपटाने चाहिए उसका फायदा लेकर नेता सत्ता में बने बैठे हैं। यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है। कुछ समय पहले चीफ जस्टिस रमन्ना ने नेताओं के खिलाफ केसेज जल्दी निपटाने की बात कही थी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। ‘लल्लनटॉप’ को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट या किसी कोर्ट की आलोचना के सवाल पर दवे ने साफ कहा कि आलोचना करना अपने देश में मौलिक अधिकार है और जज कानून के ऊपर नहीं हैं। जजों के फैसले की आलोचना जरूर हो सकती है लेकिन उन्हें निजी तौर पर क्रिटिसाइज नहीं कर सकते हैं। आप सत्य बोल रहे हैं तो कंटेम्प्ट नहीं हो सकता है।
“800 साल रहा मुसलमान हिंदुस्तान में सत्ता में, देश इस्लामिक तो नहीं बना न। शरिया तो नहीं आया… हिंदू धर्म को कोई टच नहीं कर सकता। जब बौद्ध धर्म आया तो शंकराचार्य आए थे… अब यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना है। अरे, बेटियों को तो हम हक दे नहीं पा रहे हैं। कौन से घर हैं बताइए जिन्होंने बेटे और बेटी को बाप-दादा की जागीर में सही शेयर दिया है।”
– वकील दुष्यंत दवे (UCC पर बोले)
प्रधानमंत्री देश में काफी लोकप्रिय लेकिन…
क्या आज के समय में आलोचना हो पा रही है? इस सवाल पर दवे ने ‘लल्लनटॉप’ को दिए इंटरव्यू में साफ कहा कि आज दुर्भाग्य की बात है कि देश में डर का माहौल बन गया है। प्रधानमंत्री देश में काफी पॉपुलर हैं। उनके सामने विपक्ष का कोई ऐसा नेता है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मित्रों से कहता हूं कि पीएम और भाजपा को जरूर बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने लोगों से हिम्मत ले ली है, छीन ली है। आज हम सही बात नहीं कर सकते हैं। आज किसी भी ड्रॉइंग रूम में ओपन चर्चा नहीं हो सकती है। देश में पोलराइजेशन हो गया है…।’ सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है कि इस तरह खरी-खरी बोलने वाले दुष्यंत दवे कौन हैं? इस इंटरव्यू में दवे ने अपने बारे में भी बताया है।
– दवे का जन्म बड़ौदा में हुआ। उनके पिता ड्रिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज थे। वह गुजरात के 10-12 स्कूलों में पढ़े हैं। A, B, C, D उन्होंने 11वीं कक्षा में सीखी थी।
– वह कहते हैं कि आज भी मैं अंग्रेजी ग्रामर नहीं जानता हूं लेकिन 100 पेज बिना गलती के लिख सकता हूं क्योंकि मैंने किताबें बहुत पढ़ी हैं।
– उनकी विदेश जाने की इच्छा थी लेकिन पिताजी के पास उतने पैसे नहीं थे। वह कहते हैं कि असली पढ़ाई घर पर हुई।
– उनकी मां काफी धार्मिक थीं और लिबरल थीं।
– उनके चार भाई हैं और सभी ने लव मैरिज किया है लेकिन माता-पिता ने हमेशा सपोर्ट किया।
– दवे बताते हैं कि माता-पिता ने हमें सिखाया है कि भगवान और कानून से डरिए। गलत कभी मत करो।
– दवे ने कहा कि मैं भी कैपिटलिस्ट हूं। मैं भी पैसा चाहता हूं लेकिन मैंने आज तक वैल्यू सिस्टम से समझौता नहीं किया।
– 45 साल से दवे वकालत कर रहे हैं और आज तक उन्होंने फीस कैश में नहीं ली। वह कहते हैं कि मैं हमेशा अपना टैक्स भुगतान समय पर करता हूं।
– वह सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं।
– हिजाब बैन और अयोध्या विवाद समेत कई बहुचर्चित मामलों में उन्होंने मुस्लिम पक्ष की तरफ से पैरवी की थी।
– बचपन में वह ऑल इंडिया रेडियो पर सुबह-शाम न्यूज सुना करते थे। आज भी वह 10-12 घंटे म्यूजिक सुनते हैं।
गरीबों की बात कर भावुक हो गए
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील से पूछा गया कि क्या वह संडे को ‘मन की बात’ सुनते हैं? दवे ने जवाब दिया, ‘नहीं, मैं मन की बात नहीं सुनता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि बात करने से ज्यादा काम करना जरूरी है। आज एक ऐसी चीज हो गई है कि देश में जबर्दस्त स्ट्रेंथ है और आज देश की शक्तियों को सही दिशा में नहीं ले जाया जा रहा है। आज देश में सही आंकड़े ही नहीं हैं। सही आंकड़े लें तो 80 से 90 करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे जी रहे हैं।’ यह कहते हुए उनका गला भर आया। उन्होंने कहा कि सुबह से शाम तक आदमी काम करता है। मुश्किल से रोटी पकाता है और सो जाता है। यह कोई जिंदगी है। न कपड़े हैं ठीक से, न घर है, मनोरंजन तो भूल ही जाइए। जब तक हम इन सवालों को ठीक तरह से एड्रेस नहीं कर पाएंगे… 7 प्रतिशत जीडीपी है और बीएसई 60 हजार या 65 हजार है। उससे क्या मतलब है। यह 2-4 प्रतिशत लोगों के लिए अच्छा होगा। जब तक आप गरीबी से लोगों को बाहर न निकाल सकें तब तक क्या मतलब है।
दवे ने आगे कहा कि पीएम इतने सशक्त और मेहनती हैं लेकिन मैं मानता हूं कि वह सही रास्ते पर देश को नहीं ले जा रहे हैं। जब तक आप हर एक वर्ग को साथ में न ले जाएं… एमपी में बीजेपी का सदस्य एक दलित के ऊपर बाथरूम कर सकता है। आज महिलाओं की स्थिति देखिए केवल 1 प्रतिशत केसेज रेप के रिपोर्ट हो रहे हैं।