क्या कोल के बाद शराब लॉबी पर ईडी घेराबंदी कर रही… वरिष्ठ आईएएस टुटेजा और वरिष्ठ आईपीएस काबरा राडार पर… छापा और जांच में क्या हासिल अब तक खुलासा नहीं…
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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
गुरूवार को रामनवमीं के दिन जब पूरे देश में श्रीराम जन्मोत्सव का माहौल बन रहा था तब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर दफ्तर से लेकर अवकाश के कारण बंद जिला न्यायालय के आस-पास पुलिस और मीडिया की चहल कदमी सन्नाटा तोड़ रही थी। खबर बाहर उड़ रही थी कि आज करीब दर्जनभर लोगों को ईडी अपने रिमांड में लेने की तैयारी कर रही है। यह माजरा देर रात तक चलता रहा।
जब अवकाश के दिन विशेष न्यायालय में न्यायधीश वापस लौट गईं तो यह साफ होने लगा कि अब जो कुछ होगा वह शुक्रवार को ही होगा। इससे पहले दोपहर में करीब दर्जनभर लोगों की मेडिकल जांच की खबर से सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों को बेचैन कर दिया था। इस बीच खबर बाहर आई कि बुधवार को जांच का काम पूरा होने के बाद गुरूवार की सुबह सभी को ईडी ने दफ्तर में तलब किया था। इसमें दो वरिष्ठ अधिकारी के साथ शराब व्यापार से जुड़े लोग भी शामिल थे।
करीब तीन घंटे बाद एक वरिष्ठ अधिकारी को वापस भेज दिया गया। उनके मोबाइल को ईडी ने अपने पास रख लिया है ऐसी खबर बाहर तैर रही है। सिम दे दिया गया है। संभव है मोबाइल की जांच और पड़ताल की जाएगी। दूसरे अधिकारी अनिल टुटेजा की तबीयत खराब होने की स्थिति में अंबेडकर अस्पताल से मेडिकल टीम बुलाई गई। दोपहर में कई लोगों का डाक्टरी मुलाहिजा करवाया गया। कोर्ट के सभी गेट आम जनता के लिए बंद कर दिए गए थे और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन शाम तक ईडी ने किसी को अदालत में पेश नहीं किया।
बता दें छत्तीसगढ़ में ईडी यानी केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय की टीम लगातार सक्रिय है। यहां पहले इनकम टैक्स की टीम का छापा हुआ। इसके बाद ईडी की टीम बीते छह महीने से लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है। मतलब साफ है कि पूरी सरकार पर ईडी के माध्यम से केंद्र दबाव बनाए हुए है। बीते तीन दिनों में इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की टीम ने छत्तीसगढ़ के दर्जनभर ठिकानों पर छापा मारा।
इसमें एक बार फिर दो अफसर एक वरिष्ठ आईएएस अनिल टुटेजा और वरिष्ठ आईपीएस राज्य के परिवहन और जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा का नाम सबसे बड़ा रहा। इस बार के छापे में छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार से जुड़े लोग निशाने पर रहे। इससे एक बात तो साफ होती दिखी है कि मामला कोल की कथित अवैध उगाही के बाद शराब से की गई कथित अवैध कमाई पर आधारित है।
बुधवार को रायपुर महापौर एजाज ढेबर और उनके भाई अनवर ढेबर के घर पर ED की टीम ने छापा मारा था। इस खबर को सुनने के बाद ढेबर समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए और धरने पर बैठ गए थे। सुबह से चल रहे इस धरना-प्रदर्शन में रात होते तक विधायक और कांग्रेस के बड़े नेता भी पहुंच गए।
दिन भर हंगामा होता रहा तड़के 3:30 बजे ईडी के अफसर ढेबर के घर से बाहर निकले तो कांग्रेसी नेताओं ने नारेबाजी की। इस पूरी कार्रवाई को भाजपा से प्रेरित बताया। दिनभर ढेबर के निवास के बाहर बवाल होता रहा। एजाज ढेबर और बुधवार को अन्य जगहों पर पड़े छापे के बारे में ईडी की तरफ से कोई अधिकारिक जानकारी जारी नहीं की गई है। मेयर के साथ साथ आईएएस अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया, अमोलक सिंह भाटिया, पप्पू बंसल, आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत कई लोगों के यहां भी ईडी ने जांच की थी।