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नोट में बयां किया दर्द : ‘देखकर हंसता है मेरा गुनहगार’… छात्रा ने लिखा- सबके हाथ पैर जोड़ लिए, गरीब हूं इसलिए, और दे दी जान…

इम्पैक्ट डेस्क.

मुरादाबाद के कुंदरकी इलाके में छेड़खानी से परेशान और पुलिस के रवैये से आहत होकर जहर खाने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा (17) की उपचार के दौरान हो गई। निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। मरने से पहले छात्रा ने दो पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था। 

परिवार के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। एसएसपी ने लापरवाही बरतने वाले दरोगा सचिन मलिक को निलंबित कर दिया। जबकि दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए हैं।

छात्रा के पिता ने बताया कि आठ मार्च को होली के दिन युवक विकेश ने एक घर में घुसकर बेटी के साथ छेड़खानी की थी। विरोध करने पर मारपीट की थी। इस मामले की शिकायत कुंदरकी थाने में की लेकिन पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई करते हुए उसका चालान कर दिया था। 

‘आरोपी छात्रा और उसके परिवार पर हंसता था और तंस कसता था’
आरोपी शाम को ही गांव आ गया था। इसके बाद आरोपी छात्रा और उसके परिवार पर हंसता था और तंस कसता था। आरोपी का दुस्साहस और बढ़ गया। पीड़िता नहाती तो आरोपी छत से उसे देखता और फोटो खींचने लगा था। परिवार ने इस मामले की शिकायत थाने और अफसरों के कार्यालय में प्रार्थनापत्र दिए। 

छात्रा ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर जहर खाया

बावजूद इसके आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इससे तंग आकर पीड़िता ने रविवार को दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया। उस वक्त छात्रा के परिवार के लोग खेत पर गए थे। परिजन घर लौटे तो छात्रा उल्टियां कर रही थी। शाम करीब पांच बजे बड़ी बहन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची और भर्ती करा दिया, हालत गंभीर होने पर उसे कॉसमॉस अस्पताल भेज दिया था, जहां सोमवार सुबह करीब चार बजे छात्रा की मौत हो गई।

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया

जानकारी मिलने पर एसपी देहात संदीप कुमार मीना, सीओ बिलारी सलोनी अग्रवाल ने अस्पताल पहुंचकर परिजनों को समझाकर शांत कराया। कुंदरकी थाने में आरोपी विकेश के खिलाफ छेड़खानी, धमकी देने और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया। छात्रा का सुसाइड नोट मिलने के बाद मुकदमे में इमरत सिंह, हरज्ञान का नाम भी बढ़ाया गया है। इसके अलावा आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा भी बढ़ाई गई है।

तीसरे आरोपी हरज्ञान सिंह की तलाश-एसपी

एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि आरोपी विकेश और इमरत सिंह को गिरफ्तार कर कर लिया गया है। इमरत सिंह रोजगार सेवक है। सोमवार शाम दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां दोनों को जेल भेज दिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी हरज्ञान सिंह की तलाश की जा रही है।

मैंने सबके सामने हाथ पैर जोड़ लिए लेकिन…
मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हरज्ञान, इमरत हैं, मैंने सबके सामने हाथ पैर जोड़ लिए लेकिन हम गरीब लोगों की किसी ने भी नहीं सुनी, यह लोग पैसे देकर सबसे मना कर देते हैं। हमने प्रार्थना पत्र भी दिया और कुछ भी नहीं हुआ इनका। यह हम पर हंसते हैं। इसलिए मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है। यह दर्द छेड़खानी और पुलिस के रवैये से आहत होकर जान देने वाली छात्रा ने अपने दो पेज के सुसाइड पेज पर बयां किया।

‘हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर हमें फंसाया’
और अब मैं चाहती हूं मेरे जीते जी इन्हें सजा नहीं मिली इन्हें मेरे मरने के बाद सजा मिलनी चाहिए। इन्होंने हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर हमें फंसाया है और हां लोग, फोन से क्या-क्या नहीं बना सकते हैं वैसे ही इन्होंने पता नहीं मेरे बारे भी क्या-क्या बना रखा है और रही लेटर की बात तो एक लड़की जो मेरी बहुत पक्की दोस्त थी और मेरे पास आकर बैठकर पता नहीं क्या-क्या लिखवाती थी। 

‘इसका सामना करने की हिम्मत अब और नहीं’
मैं लिख देती थी और उसने लिखवाकर विकेश नाम के लड़के को देती थी। हमें पता है कि हमारे माता-पिता ने कैसे दुखों और मुसीबतों में पढ़ाया है। मेरा सपना भी पूरा नहीं होने दिया। इन लोगों ने हमें जीते जी मार डाला। यह अमीर लोग हैं। इसका सामना करने की हिम्मत अब और नहीं रही मेरे अंदर, लेकिन मेरे घर वालों पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। इसलिए अब तो कोई सुनेगा मेरी बात। 

‘इन्हें ऐसी सजा देना कि गरीब घर की लड़कियां भी जी सकें’
मरने के बाद इन्हें ऐसी सजा देना कि गरीब घर की लड़कियां भी जी सकें और अपना सपना पूरा कर सके। इन लोगों ने विकेश नाम के लड़के की वजह से मुझे मारने की कोशिश की। जब मैं स्कूल जा रही थी। इनकी वजह से मैंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। 

‘ये लोग अपनी छत पर चढ़कर चाकू दिखाते थे…’
इन्होंने कहा था कि अगर तूने घर में कुछ भी बताया तो तेरे घर वालों को भी मार देंगे इसलिए हम जैसा कहते हैं वैसा कर। इसलिए मैंने वैसा ही किया डर के मारे और नहीं करती तो ये लोग अपनी छत पर चढ़कर चाकू दिखाते थे और जब मेरे घर वालों को पता चला तो उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया लेकिन किसी ने भी कुछ नहीं किया। इसलिए मेरी मौत का सबसे ज्यादा जिम्मेदार हरज्ञान है।