सिलगेर से सीपीआई की पदयात्रा का आगाज : नक्सल मांद से गुजरेगी पदयात्रा… राष्ट्रीय सचिव ने कहा- आदिवासियों की गुनहगार है कांग्रेस सरकार… आदिवासियों के साथ होनी चाहिए सरकार की चर्चा,पर अन्याय के साथ खड़ी है सरकार : एनी राजा…
गणेश मिश्रा, बिजापुर.
बीजापुर. सरकार से अनुमति न मिलने के बावजूद सुरक्षा को ताक में रखकर 6 दिनों तक नक्सल मांद से होकर गुजरने वाले बस्तर के बहुचर्चित और सीपीआई द्वारा प्रस्तावित पदयात्रा का मंगलवार को आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में सिलगेर धरना स्थल से आगाज कर दिया गया है इस दौरान मनीष कुंजाम के साथ-साथ सीपीआई की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती एनी राजा भी पदयात्रा के साथ बनी रही परन्तु कुछ देर बाद वह लौट आयी, बताया जा रहा है कि समापन के अवसर पर वह पुनः सुकमा में आयोजित सभा मे शिरकत करेंगी।
बस्तर में मुठभेड़ के नाम पर अलग-अलग जगहों पर हुए गोलीकांड में मारे गए आदिवासियों को न्याय दिलाने के साथ-साथ सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ निकाली गई यह पदयात्रा सिलगेर से सुकमा तक प्रस्तावित है इस पद यात्रा का समापन ठीक 6 दिन बाद सुकमा में किया जाएगा इस दौरान जगह-जगह पद यात्रियों के लिए ग्रामीणों द्वारा विश्राम करने और भोजन की व्यवस्था की गई है। पदयात्रा के दौरान ही पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीपीआई की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती एनी राजा ने राहुल गांधी के पदयात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एक तरफ भारत जोड़ों के नाम पर केरल में पदयात्रा कर रहे हैं जहां लेफ्ट की सरकार है और वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में उनके ही पार्टी की सरकार आदिवासियों को न्याय दिलाने में नाकाम नजर आ रही है और इस पद यात्रा का उद्देश्य उन तमाम आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए है जो अलग-अलग गोली कांडों में जवानों के हाथों मारे गए हैं,साथ ही जल जंगल जमीन की लड़ाई के साथ-साथ बस्तर में पेशा कानून को लेकर भी यह पदयात्रा एक मील का पत्थर साबित हो सकता है उन्होंने यह भी कहा है कि पेसा कानून के मूल मंशा के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा नियम नहीं बनाया गया है बल्कि पेशा कानून को कमजोर करने की कोशिश की गई है साथ ही वन नियम 2022 में भी संशोधन किया गया है जिसे वापस लेने की मांग की जा रही है इसके अलावा बस्तर के जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने का वादा सरकार ने किया था परंतु उन्हें आज तक रिहा नहीं किया गया है साथ ही सरकेगुड़ा एड्समेटा जांच कमीशन रिपोर्ट पर भी तत्काल कार्रवाई करने की मांग इस पद यात्रा के माध्यम से की जा रही है बता दें कि इस पद यात्रा के लिए मनीष कुंजाम ने सरकार से सुरक्षा की मांग की थी परंतु सरकार ने सुरक्षा देने से इंकार कर दिया बावजूद आज मनीष कुंजाम बिना सुरक्षा के ही पद यात्रा पर निकल पड़े हैं और इस दौरान अप्रिय घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सीपीआई की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती एनी राजा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि बस्तर में लगातार मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है पूरे बस्तर में 9 स्थानों पर आदिवासी अपने हक और न्याय के लिए आंदोलन कर रहे हैं परंतु सरकार इन आंदोलनकारियों के साथ बैठकर इस पूरे मामले में ग्रामीणों को न्याय दिलाने के बजाय उनके पदयात्रा को भी रोकने की कोशिश कर रही है, कांग्रेस अपने ही सरकार और अपने ही राज्य में आदिवासियों की ना तो रक्षा कर पा रही है और ना ही उन्हें न्याय दिला पा रही है उन्होंने कहा कि वे सरकार से सवाल करेंगी कि क्या चुनाव के दौरान किए गए वादे सिर्फ और सिर्फ वोट बटोरने के लिए थे ? क्या सरकार न्याय के साथ खड़ी है या अन्याय के साथ अगर ऐसा है तो चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों पर सरकार अमल करने को क्यों तैयार नजर नहीं आ रही है उन्होंने एक बार और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के पदयात्रा पर निशाना साधते हुए कहा की पूरे भारत में आदिवासियों और उनके हितों की बात करने वाली कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी केरल में पदयात्रा के नाम पर घूम रहे हैं और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राज में आदिवासी हित के लिए उनके न्याय के लिए होने वाले पदयात्रा को अनुमति नहीं देना कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के डर को दर्शाता है कि कहीं इस पद यात्रा से उनकी सरकार और सत्ता को कोई आंच ना आ जाए अगर सरकार वास्तव में आदिवासियों की हितेषी है तो जल्द से जल्द सिलगेर गोलीकांड को लेकर जो जांच रिपोर्ट तैयार की गई है उसका खुलासा किया जाना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि आखिर गुनहगार कौन है और उस गुनहगार को सजा देकर आदिवासियों के साथ न्याय किया जाना चाहिए । तो वहीं दूसरी ओर सीपीआई के नेता और आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने कहा कि बिना सुरक्षा ही सही पर वे हर संभव इस पदयात्रा को पूर्ण करेंगे और 100 किलोमीटर दूर सुकमा में पहुंचकर इस न्याय की लड़ाई को आगे तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से सुरक्षा मांगा गया था परंतु सरकार ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया क्योंकि सरकार और उनके मंत्री इस पद यात्रा से बेहद ही भयभीत है और चिंतित है अगर इस पद यात्रा के दौरान उन्हें कुछ भी होता है तो कहीं ना कहीं से कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की सरकार के साथ संपूर्ण पुलिस महकमा उसका जिम्मेदार होगा।