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700 किसानों को नोटिस… जिला प्रशासन ने शुरू की वसूली की कार्रवाई… पैसे नहीं लौटाने पर होगा एक्शन…

इम्पैक्ट डेस्क.

कैमूर जिले के 700 अपात्र किसानों को नोटिस भेजा गया है। सरकार के नियमों की अनदेखी व वाजिब जानकारी को छुपाकर यह अपात्र किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे थे। सरकार द्वारा जारी पत्र के आलोक में पात्रता छुपाकर योजना का लाभ लेने वाले अपात्र किसानों से जिला प्रशासन ने राशि वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है। अगर किसान सरकारी के पैसों को नहीं लौटाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम सम्मान निधि योजना के लाभ के लिए कैमूर के करीब डेढ़ लाख किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें लगभग एक लाख 26 हजार किसानों का आवेदन स्वीकृत कर उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है। जबकि जिले के करीब 700 किसान अपना पात्रता छुपाकर उक्त योजना का लाभ ले रहे थे। इसका खुलासा तब हुआ जब सरकार ने इसकी गहन जांच कराई। 

सरकार ने प्रशासन व कृषि विभाग को अपात्र लाभुकों की सूची मुहैया कराते हुए उनसे राशि वसूली का निर्देश दिया है। डीएओ रेवती रमन ने बताया कि सरकार द्वारा जारी पत्र के आलोक में सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयक को अपात्र किसानों से संपर्क स्थापित कर कृषि निदेशक पटना के खाते में योजना की राशि जमा कराने का निर्देश दिया गया है। जो किसान योजना की राशि वापस नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध स्थानीय थानों में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को प्रत्येक साल तीन किस्त में छह हजार रुपये उनके खाता में भेज रही है।

सरकारी कर्मी व माननीय को नहीं मिलेगा लाभ

अगर कोई किसान खेत की जमीन का मालिक है और वह सरकारी मुलाजिम है या रिटायर हो चुका है तो उसे इस योजना लाभ नहीं मिलेगा। वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री को भी इस योजा का लाभ नहीं मिल सकेगा। इनके अलावा प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इनके परिवार के लोगों को इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा।

10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले अपात्र

कोई व्यक्ति खेत का मालिक है, लेकिन उसे 10 हजार रुपये महीने से अधिक पेंशन मिलती है, तो वह इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते। आयकर देने वाले परिवारों को भी इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा। किसान खेती योग्य भूमि का इस्तेमाल कृषि कार्य के बजाय दूसरे कार्य में कर रहे हैं तो उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। जो किसान दूसरों के खेतों पर किसानी का काम तो करते हैं, लेकिन वह खेत के मालिक नहीं है, भू-स्वामी को फसल का कुछ हिस्सा या पैसे देते हैं तो ऐसे किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।

आवेदक के नाम होनी चाहिए भूमि

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए। यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम से नहीं है, तो वह लाभार्थी नहीं होगा। अगर खेत उसके पिता या दादा के नाम है तो भी पीएम किसान योजना का फायदा नहीं उठा सकते।

सीओ से लेकर डीएम तक कर रहे जांच

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ के लिए किसानों द्वारा किए गए ऑनलाइन आवेदन को प्रशासन द्वारा कई स्तर पर जांच की जा रही है। जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने पर सबसे पहले कृषि समन्वयक, इसके बाद सीओ, फिर जिला कृषि पदाधिकारी, इसके बाद एडीएम व डीएम द्वारा आवेदन की जांच कर विभाग के पास भेजने का प्रावधान है। योजना के लाभ के लिए किसानों को भूमि की अद्यतन रसीद, एलपीसी व कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।

रिटर्न भरने वालों को नहीं मिलेगा लाभ

सरकारी नियम बताते हैं कि जो किसान सरकार को आयकर रिटर्न भरते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके बाद भी जिले के करीब 700 किसान अपनी पात्रता छुपाकर सरकार द्वारा जारी की गई वेबसाइट पर आवेदन कर योजना का लाभ ले रहे हैं। जिला प्रशासन ने पात्रता रखने वाले किसानों को ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभ के लिए आवेदन जमा करने की अपील की है, ताकि पात्रता छुपाकर योजना का लाभ लेने वाले किसानों को बाद में परेशानी नहीं हो सके।

जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने कहा, ‘कैमूर जिले में 700 किसान पात्रता छुपाकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। जांच में उजागर होने पर संबंधित किसानों को राशि लौटाने के लिए नोटिस किया गया है। योजना की राशि वापस नहीं करने वाले किसानों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’