Madhya Pradesh

अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर थाने पहुंची महिला, बोली मैं तो जिंदा हूं, हत्या और बलात्कार के आरोप में बंद 5 आरोपियों हुए बरी

झाबुआ
झाबुआ जिले के थांदला में एक महिला की हत्या के आरोप में पुलिस ने पांच युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सभी आरोपी डेढ़ साल से सलाखों के पीछे थे। पुलिस ने चार्जशीट भी फाइल कर दी थी और केस की सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई थी।

लेकिन इसी बीच वही महिला थाने पहुंच गई, जिसकी हत्या बताई जा रही थी। उसने कहा, "मैं जिंदा हूं और मजदूरी कर रही थी।" महिला का डीएनए कराया गया, जिससे यह साफ हो गया कि उसकी हत्या नहीं हुई थी। इस खुलासे के बाद हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी की।

14 सितंबर 2023: जब शव को ललिता मान लिया गया

यह पूरा मामला थांदला की रहने वाली ललिता नाम की महिला से जुड़ा है। 14 सितंबर 2023 को पंचायत प्रतिनिधि प्रकाश कटारे को पानी में एक महिला की लाश तैरती दिखी। शव बुरी तरह क्षत-विक्षत था—चेहरा नहीं था और दोनों हाथ भी कटे हुए थे।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। ललिता के माता-पिता और रिश्तेदारों ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान ललिता के रूप में की। बिना डीएनए जांच के पुलिस ने यह मान लिया कि शव ललिता का ही है।

शाहरुख ने कबूल किया गुनाह

जांच में सामने आया कि ललिता की दोस्ती शाहरुख नामक युवक से थी और वह आखिरी बार उसी के साथ देखी गई थी। पुलिस ने शाहरुख को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान शाहरुख ने कबूल किया कि 500 रुपए को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने अपने साथियों- इमरान, एजाज, सोनू और अजीम—के साथ मिलकर लाठी-डंडों से मारकर ललिता की हत्या कर दी।

पुलिस ने इन सभी के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। तब से सभी आरोपी जेल में थे।

मार्च 2025 में ललिता जिंदा थाने पहुंची

मामले ने तब नया मोड़ लिया जब मार्च 2025 में ललिता खुद थांदला थाने पहुंच गई। उसने पुलिस को बताया कि वह मजदूरी के लिए बाहर गई थी और उसके साथ कोई घटना नहीं हुई। पुलिस हैरान रह गई।

शव की शिनाख्त करने वाले ललिता के माता-पिता भी चौंक गए। उन्होंने कहा कि शव की कद-काठी और कपड़े देखकर उन्होंने ललिता के रूप में पहचान की थी, लेकिन अब उन्हें अपनी गलती का अहसास हो रहा है।