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अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते को लेकर जल्द कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तो वह इस प्रयास से हाथ खींच लेगा

रूस
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते को लेकर जल्द कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तो वह इस प्रयास से हाथ खींच लेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने शुक्रवार को पेरिस में यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका अब इस प्रक्रिया में हफ्तों और महीनों तक उलझा नहीं रह सकता।

रूबियो ने कहा, "अब यह तय करना जरूरी है कि क्या यह समझौता अगले कुछ हफ्तों में मुमकिन है या नहीं। हम अब कुछ ही दिनों में यह निर्णय करेंगे। अगर आगे बढ़ने की गुंजाइश दिखती है, तो हम साथ हैं। नहीं तो हमारे पास और भी जरूरी प्राथमिकताएं हैं जिन पर ध्यान देना होगा।"

नतीजा नहीं आया तो पीछे हटने को तैयार अमेरिका
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभी भी इस शांति प्रक्रिया में दिलचस्पी रखते हैं, लेकिन अगर कोई नतीजा नजर नहीं आता तो वह पीछे हटने को तैयार हैं। गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने चुनावी वादों में दावा किया था कि वो राष्ट्रपति पद संभालते ही 24 घंटे के भीतर युद्ध खत्म करवा देंगे। हालांकि, पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने इस बात में थोड़ी नरमी दिखाई और संकेत दिया कि अप्रैल या मई तक कोई समझौता हो सकता है।

तीसरे साल में रूस-युक्रेन युद्ध
लेकिन अब जब कोई हल निकलता नहीं दिख रहा, तो अमेरिका ने यह सख्त रुख अपनाया है। रूबियो की यह टिप्पणी बताती है कि अमेरिका में रूसी आक्रमण और वैश्विक कूटनीतिक संकटों को लेकर निराशा बढ़ती जा रही है। अमेरिका के इस रुख से ये भी साफ हो रहा है कि अगर बात नहीं बनी, तो अब अपना-अपना देखना की नौबत आ सकती है। ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब युद्ध अपने तीसरे साल में पहुंच चुका है और न तो कूटनीतिक पहलें असर दिखा रही हैं, न ही जमीनी हालात सुधर रहे हैं।