गुजरात में चुनाव प्रचार में हिंदुओं के नाराज होने के डर से आरएसएस के खिलाफ कुछ नहीं बोला : दिग्विजय सिंह
भोपाल
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पर्दे के पीछे से भाजपा का समर्थन करने वाले कांग्रेस नेताओं पर राहुल गांधी द्वारा एक दिन पहले की गई सख्त टिप्पणी की सराहना की है। उन्होंने कहा कि गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें हिंदुओं के नाराज होने के डर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ कुछ नहीं बोलने को कहा गया था।
अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा था कि पार्टी का पहला काम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के दो समूहों को अलग करना है – पहला जो पार्टी की विचारधारा को अपने दिल में रखते हैं और जनता के साथ खड़े हैं और दूसरे वो जो जनता से कटे हुए हैं, ‘जिनमें से आधे भाजपा के साथ हैं।’
उन्होंने ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की छंटनी करने की आवश्यकता पर बल दिया था तथा सख्त कार्रवाई यहां तक कि निष्कासन की भी चेतावनी दी थी।
सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने गांधी को उनके बयान के लिए बधाई दी और कहा, "मुझे याद है कि जब मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव प्रचार करने गुजरात गया था, तब मुझे निर्देश दिए गए थे कि मैं आरएसएस के खिलाफ न बोलूं, क्योंकि इससे हिंदू नाराज हो सकते हैं।"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस के नेतृत्व वाला संघ परिवार हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा कि वह केवल धर्म के नाम पर समुदाय को गुमराह करता है और उनका शोषण करता है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा, "हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य जी की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है और यह आज भी चलन में है। उनमें से कौन सा शंकराचार्य आज भाजपा, आरएसएस का समर्थक है? भाजपा शोषक तत्वों का एक समूह है जिसका एकमात्र उद्देश्य धर्म के नाम पर लोगों को लूटना और सत्ता हासिल करना है।"