नगरों के समग्र विकास के लिये नगरीय निकायों में अपनायी जायेंगी बेस्ट प्रेक्टिस
भोपाल
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय कुमार शुक्ला ने आज भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नगरीय प्रशासन के विशेष सत्र में कहा कि मध्यप्रदेश में देश की उन सभी बेस्ट प्रेक्टिस को अपनाया जायेगा, जिससे मध्यप्रदेश में नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगरीय निकायों के आय के स्रोत बढ़ाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि नगरीय निकायों में ई-नगरपालिका प्रोजेक्ट को लागू किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि नगरीय निकायों के सामने अपशिष्ट प्रबंधन एक चुनौती है। इसके लिये जन-भागीदारी को प्रोत्साहित किया जायेगा। सत्र में 2 विषयों सिटीज ऑफ टुमारो और ग्रीन क्लीन लिवबल सिटी पर विषय-विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किये। सिटीज ऑफ टुमारो विषय पर चेयरमेन सन बिल्डर्स एवं प्रेसीडेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर इण्डिया श्री एन.के. पटेल ने कहा कि शहरों के विस्तार के लिये भूमि को रिजर्व में रखना जरूरी है। गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड श्री राहुल देहिया, को-फाउण्डर एमडी सिग्नेचर ग्लोबल ग्रुप श्री रवि अग्रवाल ने कहा कि विकसित भारत के लिये नियोजित टाउनशिप होना जरूरी है। टाउनशिप में सभी वर्गों के लोगों को जगह मिले, यह सुनिश्चित हो और वहाँ सभी आवश्यक सुविधाएँ हों। इस व्यवस्था से शहरी क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट पर दबाव कम होगा। निदेशक कॉमर्शियल रियल एस्टेट हीरानंदानी ग्रुप श्री मनीष गुप्ता ने प्रदेश में हाल ही में जारी इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी का स्वागत किया। डीएलएफ के सीनियर एक्जीक्यूटिव श्री राजीव सिंह ने उत्कृष्ट शहरी नियोजन को महत्वपूर्ण बताया। क्रेडाई एमपी चेप्टर के अध्यक्ष श्री मनोज सिंह मीक ने राजा भोज द्वारा बसाये गये भोपाल और यहाँ के बड़े तालाब की विशेषताओं की जानकारी दी। वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड श्री अगस्तो तानो कामो ने आने वाले समय में शहरों के नागरिकों को बुनियादी सुविधा देने के काम को चुनौतीपूर्ण माना। उन्होंने कहा कि इसके लिये अभी से ही सभी एजेंसियाँ मिलकर काम करें। बोस्टन ग्रुप के श्री आशीष गर्ग, आईआईएफसीएल के श्री पलाश श्रीवास्तव और अशोक बिल्डकान के श्री सतीश डी. प्रकाश ने भी विचार रखे।
ग्रीन क्लीन लिवबल सिटीज विषय पर चर्चा
दूसरे सत्र में "हरे-भरे शहर'' विषय पर विशेषज्ञों ने विचार रखे। विशेषज्ञों का मानना था कि नगरीय निकाय शहरों को हरा-भरा रखने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिये नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इसी तरह अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छ जल व्यवस्था में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिये। इस संबंध में नगरीय प्रशासन आयुक्त श्री सी.बी. चक्रवर्ती एम., प्रो. वी. श्रीनिवास चेरी, श्री आनंद अय्यर, श्री आला अयोध्या, श्रीमती समिथा आर. और डॉ. के.वी. जार्ज ने भी अपने विचार रखे।