अटल जी के नदी जोड़ो स्वप्न से मिली जनगण को सौगात: डॉ. मोहन यादव
भोपाल
उजियारे में, अंधकार में,
कल-कछार में, बीच धार में,
क्षणिक जीत में दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।।
कदम मिलाकर चलने का उद्गोष करने वाले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की आज 100वीं जयंती है। भारत निर्माण के दृष्टा श्रद्धेय अटल जी को शत-शत नमन।
श्रद्धेय अटल जी ने संघ के स्वयंसेवक से लेकर राष्ट्रधर्म के संपादक, जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के दायित्वों के बीच कार्यकर्ताओं की पीढ़ियां निर्मित कीं। व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण, राष्ट्र निर्माण की उनकी परिकल्पना के सभी पक्षों ने देश को आधार प्रदान किया।
धरती को सुजलाम् सुफलाम् करने और समृद्धि के नये आयाम स्थापित करने के लिये श्रद्धेय अटल जी ने लगभग 20 वर्ष पूर्व नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना की थी। उन्होंने देशभर की नदियों को जोड़कर बिखरी पड़ी जलराशि के समुचित प्रबंधन का सपना देखा था।उनका सपना था, देशभर की नदियां आपस में जुड़ें और जल की एक-एक बूंद का उपयोग समाज और राष्ट्र के लिये हो। श्रद्धेय अटल जी 100वीं जयंती पर आज मध्यप्रदेश में केन-बेतवा से विश्व की पहली नदी जोड़ो परियोजना द्वारा जल सुरक्षा का स्थायी समाधान करने की दिशा में महती कदम उठाया जा रहा है।
मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता है कि आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री और वर्तमान पीढ़ी के भागीरथ नरेन्द्र मोदी जी खजुराहो में देश की पहली, महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसी के साथ श्रद्धेय अटल जी का नदियों को आपस में जोड़ने का संकल्प और समृद्धि का सपना मूर्तरूप लेगा।मध्यप्रदेश नदियों का मायका है, सैकड़ों नदियों की विपुल जलराशि से समृद्ध है। प्रदेश की नदियों के आशीर्वाद से यह बहुउद्देशीय परियोजना बुंदेलखंड की जीवन रेखा साबित होगी।
यह परियोजना छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर विकसित की जा रही है। इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध एवं 2 टनल का निर्माण होगा। बांध में 2 हजार 853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण किया जायेगा। इसमें दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मध्यप्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया के लगभग 2 हजार ग्रामों में 8.11 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी और लगभग 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी और 103 मेगावॉट जल विद्युत एवं 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसका लाभ संपूर्ण मध्यप्रदेश को मिलेगा।
केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड के हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुंचेगा। प्रदेश में बिजली, कृषि, उद्योग और पेयजल के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। खेत को पानी मिलने से फसलों का अमृत बरसेगा। किसानों के जीवन में खुशहाली आयेगी और बुंदेलखंड की तस्वीर तथा तकदीर बदलेगी। इस परियोजना से खेती-किसानी, उद्योग, व्यवसाय और पर्यटन को गति मिलेगी जिससे पलायन रुकेगा और नागरिकों का जीवन खुशहाल होगा। जलराशि की विपुलता के साथ बाढ़ तथा सूखा, दोनों समस्याओं का समाधान होगा।
हमारा संकल्प है विरासत के साथ विकास। इसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुएपरियोजना में ऐतिहासिक चंदेलकालीन 42 तालाबों को सहेजने का कार्य किया जायेगा।यह तालाब वर्षाकाल में जल से भर जायेंगे। इससे धरती का जल स्तर बढ़ेगा जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।
मध्यप्रदेश कृषि बाहुल्य प्रदेश है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है। मुझे विश्वास है कि केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से हम इस लक्ष्य को पूर्ण करने में सफल होंगे और बुंदेलखंड की प्रगति के नये द्वार खुलेंगे। इसी विश्वास के साथ मैंने बुंदेलखंड के किसानों से यह आग्रह किया था कि यहां के सूखे का तोड़ निकल जायेगा, किसी भी हाल में अपनी जमीन मत बेचना। मुझे खुशी है कि मेरा वह विश्वास सही साबित हुआ।
यह हमारे लिये प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश, इस समय जनकल्याण पर्व मना रहा है। अटल जी के 100वीं जयंती पर त्रिपक्षीय अनुबंध से केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की सौगात प्रदेशवासियों को मिलना अद्भुत संयोग है। मुझे बताते हुए हर्ष है कि कुछ दिनों पूर्व हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना की सौगात दी थी। इस परियोजना में 21 बांध, बैराज निर्मित किये जाएंगे। परियोजना से प्रदेश के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा। मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।
एक साथ प्रदेश में दो नदी जोड़ो परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाना ऐतिहासिक अवसर है। यह हमारे लिये गर्व की बात है कि इतिहास में बुंदेलखंड शौर्य, पराक्रम, वीरता और बलिदान का प्रतीक है। वीरों की भूमि बुंदेलखंड अब नदी परियोजना से विकास की भूमि के रूप में जानी जायेगी।
मुझे बताते हुये आनंद है कि आज ही के दिन प्रदेश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति किये गये प्रयास धरातल पर उतरने वाले हैं। पुण्य सलिला मां नर्मदा पर विकसित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करेंगे। परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है।
लोकतंत्र की प्रथम इकाई, ग्राम पंचायत से आरंभ होती है। अटल जी ने गांव को सुशासित और सशक्त बनाने का अभियान चलाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने, श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न को साकार करने के लिये गांव को आत्मनिर्भर, स्वच्छ, समृद्ध और सुशासित बनाने का संकल्प लिया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत का अपना भवन हो, इसके लिये प्रधानमंत्री आज मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन करेंगे।
श्रद्धेय अटल जी की 100वीं जन्म जयंती पर आज शुरू होने वाली ऐतिहासिक परियोजनाओं और कार्यों से प्रगति के नये द्वार खुलेंगे। बुंदेलखंड जलशक्ति से संपन्न हो जायेगा और किसान समृद्ध होंगे। इससे समूचे क्षेत्र में खुशहाली आयेगी और युवाओं को नौकरी के लिये पलायन नहीं करना पड़ेगा।
सौभाग्य से यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और डबल इंजन की सरकार से। हमारी सरकार ने पहली बार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर उद्योगों को छोटे शहरों तक पहुंचाने का नवाचार किया है। यह कार्य और आगे बढ़ेगा।मध्यप्रदेश प्रगति और उन्नति का नया इतिहास रच कर अग्रणी राज्य के रूप में आकार लेगा।
राष्ट्र दृष्टा श्रद्धेय अटल जी ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से देश को जहां अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया, वहीं भविष्य के लिये नदी जोड़ो परियोजनाओं की संकल्पना से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उसी पर चलकर मध्यप्रदेश समृद्धि, विकास, निर्माण और खुशहाली का नया अध्याय रचेगा।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, श्रद्धेय अटल जी के संकल्प को पूरा करने खजुराहो आ रहे हैं। मेरा प्रदेशवासियों से आग्रह है कि आप भी हरी-भरी वसुंधरा के लिये होने वाले इस अनुष्ठान में शामिल होकर ऐतिहासिक पल के साक्षी बनें।
श्रद्धेय अटल जी के जन्म के 100वें वर्ष में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में दो नदी जोड़ो परियोजनाओं को साकार करने की पहल पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी को संपूर्ण राष्ट्र की आदरांजलि है।