सीएम ने प्रदेश के 50 जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया
भोपाल
मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण के 50 हजार हितग्राहियों को 17 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा गृह प्रवेश कराया गया। वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत प्रदेश में 10 लाख नए घर बनाए जाएंगे। भारत सरकार की स्वीकृति के बाद प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मंगलवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 50 हजार हितग्राहियों को पीएम आवास में गृह प्रवेश कराया। वहीं, इस कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश में स्वच्छता से सेवा पखवाड़े का शुभारंभ भी किया गया। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर इसका समापन होगा।
इस दौरान राज्यपाल मंगु भाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश को स्वच्छता के क्षेत्र में प्राप्त पुरस्कारों पर केंद्रित प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया।
सफाई कर्मियों का सम्मान
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं ने प्रतीकात्मक तौर पर भोपाल नगर निगम के पांच सफाई कर्मियों का सम्मान किया। सफाई कर्मियों को सुरक्षा किट भी दी गई। भोपाल नगर निगम के प्रत्येक सफाई कर्मी को पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 का डिजिटल पोस्टर लांच किया गया।
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिना जनभागीदारी के कोई भी अभियान नहीं चल सकता। इंदौर को एशिया में जन जनभागीदारी में नंबर वन का अवार्ड मिला था। जनता के साथ जन विकास करेंगे तो निश्चित ही हम सफल होंगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता ही सेवा अभियान को देश नंबर वन बनाने का काम किया है।
सीएम बोले- सफाई में जितने स्टार, उतने रुपए मिलेंगे
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कचरा मुक्त शहर के मामले में स्टार मिलने के आधार पर सफाई मित्रों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिस निकाय को जितने स्टार मिलेंगे, उसमें कार्यरत उतने हजार रुपए की राशि दी जाएगी यानी एक स्टार हासिल करने वाले निकाय को एक-एक हजार, दो, तीन स्टार से लेकर 5 स्तर और 7 स्टार तक प्राप्त कर सकते हैं। 7 स्टार वालों को 7 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
राज्यपाल बोले- प्राइवेट डॉक्टर लिखें जेनेरिक दवाएं
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा, 'प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स जेनेरिक दवाएं लिखें। सरकारी अस्पतालों के पास जेनरिक दवा की दुकान खुलें।
विजयवर्गीय बोले- रहवासी संघ बनाने की जरूरत
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा – प्रदेश भर में रहवासी संघ बनाने की जरूरत है, ताकि जन भागीदारी के जरिए जनपदों को सुझाव और समस्याएं पता चल सके। इंदौर में भागीदारी से 200 करोड़ के काम किए गए थे। सरकार के भरोसे विकास नहीं कर सकते। जनता की जन भागीदारी जरूरी है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भविष्य में मध्य प्रदेश स्वच्छता में देश में एक नंबर पर होगा।
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
एमपी में था 38 लाख 415 आवास का लक्ष्य, 37 लाख बन चुके
अपने घर का सपना संजोए गरीब परिवारों की उम्मीदें पूरी करने के लिए मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 38 लाख 415 आवास निर्माण लक्ष्य मिला था। अब तक लगभग 37 लाख आवास बना लिए गए हैं।
शहरों में भी फ्लैट बनाकर योजना के तहत बेघरों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पीएम मोदी की सोच है कि घर की चाबी- सम्मान, आत्मविश्वास, सुनिश्चित भविष्य, नई पहचान और बढ़ती संभावनाओं का द्वार खोलती है।
90% तक कम कीमत पर मिलेंगी दवा
जन औषधि केंद्रों के जरिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी, जो ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50% से 90% तक कम कीमत पर मिलेंगी। ये केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होंगे, जिससे उनके स्वास्थ्य खर्चों में बचत होगी। खासकर शुगर, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियों के मरीजों को कम दामों पर इलाज जारी रखने में सुविधा होगी। जन औषधि केंद्रों के संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, क्योंकि इनके संचालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारियों की जरूरत होगी।
51 हजार आवासों में गृह प्रवेश कराया
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत देशभर के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश समारोह हुआ, जिसमें मध्यप्रदेश के 51 हजार आवास शामिल थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 का शुभारंभ भी किया गया और पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड वितरित किए गए। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, नगर निगम भोपाल के महापौर मालती राय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इसी सोच के साथ 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत हुई थी। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य रखा है।
2008 में हुई थी जन औषधि केन्द्रों की शुरुआत
सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र परियोजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। साल 2015 के बाद से योजना में और तेजी आई। वर्तमान में योजना के तहत देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
मप्र में 500 जन औषधि केन्द्र संचालित वर्तमान में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हैं। ये केंद्र शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीद रहे हैं। उनके मासिक चिकित्सा खर्चो में बचत हो रही है। अब सभी जिला अस्पतालों में भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
फायदे जानिए
सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी। मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।
सस्ती और सुलभ दवाओं के माध्यम से लोग इलाज को जारी रख सकेंगे। विशेष रूप से शुगर, ब्लड प्रेशर,और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे लोग ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करेंगे और सस्ती जेनेरिक दवाओं को अपनाएंगे।
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रत्येक केंद्र के चालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी आवश्यक होंगे, जिससे राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।