वेदिका ठाकुर हत्याकांड में न्यायाधीश ने डॉक्टर अमित खरे को तथ्य छिपाने का दोषी पाया, कोर्ट ने सुनाई जेल और जुर्माने की सजा
जबलपुर
शहर के चर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड में सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने डॉक्टर अमित खरे को तथ्य छिपाने का दोषी पाया है। अदालत ने उन्हें छह महीने के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, उन पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
तथ्य छुपाने के आरोप
प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी के अनुसार बेदी नगर स्थित स्मार्ट सिटी अस्पताल के संचालक डॉ. खरे ने वेदिका ठाकुर हत्याकांड से संबंधित चिकित्सकीय रिपोर्ट में लापरवाही बरती। आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर यह तथ्य छिपाया कि वेदिका ठाकुर को गोली मारी गई थी। यह स्पष्ट तौर पर पूर्व भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने का मामला था। यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।
पुलिस को देर से दी जानकारी
डॉ. खरे को वेदिका के गोली लगने की जानकारी होने के बावजूद, उन्होंने पुलिस को सूचित करने में जानबूझकर लापरवाही की। परिणामस्वरूप गंभीर रूप से घायल वेदिका की मौत हो गई थी।
क्या है मामला
वेदिका ठाकुर हत्याकांड एक गंभीर मामला है। 16 जून 2023 को, भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने अपने दफ्तर में MBA छात्रा वेदिका ठाकुर को गोली मार दी। गोली वेदिका के पेट में लगी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 26 जून 2023 को वेदिका की मौत हो गई।
बीजेपी नेता था मामले में आरोपी
प्रियांश विश्वकर्मा ने दावा किया कि गोली गलती से चली थी। हालांकि पुलिस ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए उसकी बातों को नजरअंदाज किया। घटना के तुरंत बाद प्रियांश को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस की देरी से कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही की आलोचना भी की गई। मृतक वेदिका के परिवार ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे। मामले के सुर्खियों में आने पर बीजेपी ने पार्टी से निकाल पर आरोपी से पल्ला झाड़ लिया था।