जीआरपी थाना प्रभारी के कार्यकाल में तेजी से उजागर मामले, लूटपाट के लिए हत्या जैसी संगीन वारदातें भी हो चुकी है घटित
कटनी
बीते दिनों जीआरपी थाने में जिस तरह षड्यंत्र रचकर जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने को जिले से हटाने का घटनाक्रम घटित हुआ उसने अपने पीछे कई सवाल छोड़ दिए हैं। जीआरपी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि थाना प्रभारी अरुणा वाहने लगातार अपराधों पर अंकुश लगाते हुए एक के बाद एक गंभीर मामलों का खुलासा कर रही थी। चोर और लुटेरों को संरक्षण देने में लिप्त लोगों को शायद उनकी यह सख्ती रास नहीं आ रही थी, शायद यही वजह बनी कि विभाग की गोपनीयता को भंग करते हुए विभाग के ही कर्मचारियों ने कुछ पत्रकारों से साठगांठ करके थाना प्रभारी के कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को लीक कर दिया। सख्ती से पूछताछ करने के वीडियो को जिस तरीके से प्रस्तुत किया गया उसका खामियाजा जीआरपी थाना प्रभारी सहित थाने के पांच कर्मचारियों को भुगतना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम ने ट्रेनों में चोरी लूट जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों के हौसले एक बार फिर बुलंद कर दिए हैं और जीआरपी थाना प्रभारी के हटते ही अपराध फिर से जोर पकड़ने लगा है। जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने ने उनके कार्यकाल में घटित हुए गंभीर अपराधों में जिस तरह से पूरे मामले का पटाक्षेप किया वह किसी से छिपा नहीं है।
इस तरह हो रहे थे अपराध
जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने ने जब कटनी जीआरपी की कमान संभाली तब कटनी रेलवे स्टेशन के आउटर सहित पूरे सर्कुलेटिंग एरिया में अपराधियों का साम्राज्य स्थापित था। यहां पर लूटपाट की कई वारदातें लगातार हो रही थी। वारदातों का सिलसिला इस तरह चल रहा था कि मोबाइल लूटने एवं पर्स चोरी करने की घटनाओं के बीच कई लोगों के हाथ पांव टूटने, मासूम यात्रियों के गंभीर रूप से घायल होने के साथ ही एक बार तो हत्या जैसी गंभीर स्थिति भी देखने को मिली थी। जीआरपी के रिकॉर्ड ही बताते हैं कि जीआरपी थाना कटनी में दर्ज अपराध नं 645/23 के अंतर्गत धारा 392 कायम हुआ था और कोतवाली में 302 आईपीसी का अपराध पंजीकृत हुआ था। इस मामले में 4 आरोपियों ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्री का मोबाइल लूट लिया। उसके बाद उस यात्री को चाकू मारकर हत्या कर दी। प्राथमिक जांच में जीआरपी कटनी में आरोपियों के विरुद्ध धारा 392 लूट का मामला कायम किया गया था तथा कोतवाली थाने में आरोपियों के विरुद्ध 302 आईपीसी का अपराध पंजीकृत का कार्रवाई कर आरोपी गणों को न्यायालय पेश किया गया।
यह भी हो चुका
इसके अलावा अनिल कुमार कोल निवासी मोहरवा जिला रीवा से लूटपाट करते हुए उसकी हत्या का प्रयास लुटेरों के द्वारा किया गया था जिसके बाद जीआरपी कटनी में 601/24 धारा 307, 118a BNS का प्रकरण पंजीबद्ध हुआ। आशीष रघुवंशी
निवासी गुलाब गंज विदिशा के साथ भी लूटपाट हो चुकी है। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उक्त रेल यात्री की शिकायत पर 363/24 धारा 382 भा द वि का मामला पंजीकृत किया गया। मैहर मानपुर निवासी विजय तिवारी भी ट्रेन में यात्रा करते हुए लुटेरों का शिकार हो चुके हैं। इस मामले में भी जीआरपी थाने में अपराध क्रमांक 1275/ 23 धारा 392 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। देवतालाब रीवा निवासी अमित सिंह के साथ भी लूट की घटना हुई थी जिसमें अपराध क्रमांक 1272/ 23 धारा 392 भादवी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ। नयागांव कटनी निवासी राजकुमार चौहान भी ट्रेन में यात्रा करते समय लुटेरों का शिकार हुए थे। घटना में इन्हें भी गंभीर रूप से चोटें आई थी। घटना के बाद अपराध क्रमांक 1269/ 23 धारा 394 भादवि का प्रकरण जीआरपी थाने में पंजीबद्ध हुआ था। यह मामले वे हैं जिनमें लूट और चोरी का शिकार हुए लोगों की जान पर बन आई थी। इन सभी मामलों में जीआरपी थाना प्रभारी अरुणा वाहने एवं उनकी टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों को दबोचने में सफलता हासिल की थी। लगातार अपराधों पर अंकुश लगाने वाली थाना प्रभारी को उनके बेहतर कार्यों के कारण ही अपने सहयोगी कर्मचारी का विरोध झेलना पड़ा और साथी कर्मचारियों ने ही वीडियो निकाल कर मीडिया तक पहुंचा दिया तथा उसे वायरल करवा दिया। अगर इस तरह से बेहतर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित किया जाएगा तो फिर कानून व्यवस्था को बनाए रख पाना असंभव हो जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने ईमानदारी से अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए काम करने वाले प्रत्येक पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिंता में डाल दिया है। अब सभी ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी यह सोच रहे हैं कि वह अपराधियों को पड़कर कहीं अपने लिए मुसीबत तो पैदा नहीं कर रहे।