राजस्थान में सचिन अब पायलट नहीं रहे… उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए… दो अन्य मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा से भी पद छीना
इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।
सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब बंद हो गए हैं। तीन दिन से उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें फेल होने के बाद आखिरकार पार्टी ने एक्शन ले लिया। सचिन को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा, उनके समर्थक मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी पद से मुक्त कर दिया।
विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा ने राजस्थान की बहादुर जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की है। भाजपा ने धनबल और सत्ताबल के दुरुपयोग से, ईडी और इनकम टैक्स विभाग के दुरुपयोग से कांग्रेस और स्वतंत्र विधायकों को खरीदने की कोशिश का जुर्म किया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि किस तरह विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले 72 घंटे से सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस के नेताओं ने पायलट और दूसरे साथी मंत्रियों और विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस नेतृत्व ने सचिन पायलट से आधा दर्जन बार बातचीत करने की कोशिश की। केसी वेणुगोपाल ने कई बार पायलट से बात की।’
12 baje tak राजस्थान में अब कांग्रेस टूट के करीब पहुंच गई है। यहां आज भी विधायक दल की बैठक में अपने समर्थकों के साथ डिप्टी सीएम सचिन पायलेट शामिल नहीं हुए। पायलेट ने राहुल गांधी से मिलने से भी इंकार कर दिया है। इधर युवक कांग्रेस और सेवादल के प्रदेश अध्यक्षों ने भी पायलेट के साथ बगावती तेवर दिखा दिया है।
इससे राजस्थान में गहलोत सरकार पर संकट पांचवें दिन मंगलवार को भी बरकरार है। कल दिन भर सियासी ड्रामा चलता रहा। आज भी हालात वैसे ही बने हैं। विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बताया गया कि बगावत पर उतरे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया।
बैठक में शामिल नहीं हुए विधायकों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित गया। इसके तहत इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी विधायकों ने एकमत से सचिन पायलट को पार्टी से बाहर करने पर सहमति जताई।
इसके पहले सीएम आवास पर सोमवार को दोपहर एक बजे विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई थी कि बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और बर्खास्त किया जाए।
गहलोत ने अपने विधायकों की परेड कराई थी
इससे पहले, सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विधायकों की परेड कराई थी। इस दौरान, उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत (101 विधायक) से ज्यादा 109 एमएलए हैं। वहीं, पायलट ने सोमवार शाम अपने विधायकों का वीडियो जारी किया। कहा कि उनके पास 19 विधायक हैं। हालांकि, वीडियो में 17 विधायक नजर आए। खेमे ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट कराए। गहलोत खेमे के विधायक जयपुर के पास कूकस के फेयर माउंट होटल में ठहरे हैं। वहीं, पायलट खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर में रुके हैं।
राहुल, प्रियंका ने संपर्क साधा, लेकिन पायलट समझौते के लिए राजी नहीं
कांग्रेस पायलट को मनाने में जुटी है। सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पी. चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने उनसे संपर्क साधा था। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पायलट समझौते को राजी नहीं हुए। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मुलाकात से भी इनकार कर दिया। हालांकि, सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि पायलट ने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष चार शर्तें रखी हैं। इनमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग दिए जाने की मांग भी शामिल है। उधर, पायलट सीधे कुछ बोलने और ट्वीट करने के बजाय करीबियों से बयान दिला रहे हैं, ताकि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन पर कोई कार्रवाई न हो सके।
विधायक दल की बैठक से 19 नदारद
पायलट खेमे का दावा है कि विधायक दल की बैठक में जो 19 विधायक नहीं पहुंचे उनमें दीपेंद्र सिंह शेखावत, राकेश पारीक, जीआर खटाना, मुरारी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह शक्तावत, इंद्रराज सिंह गुर्जर, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, हरीश मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी व अमर सिंह जाटव शामिल हैं। इनके अलावा जिन तीन निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस ने अपनी संबद्धता सूची से हटाया था, उनके सहित करीब 30 विधायक हमारे साथ हैं।