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चुनाव की राजनीति में दलों की सीमा भले हो सकती है, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस को विचार करना चाहिए: सीएम मोहन यादव

भोपाल
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35 A में संशोधन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने वाला है, हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव यहां पर एक केंद्र शासित प्रदेश के रुप में होगा. यहां पर सभी सियासी दलों ने जोरशोर से तैयारिया शुरू कर दी है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन निशाना साधा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि क्या कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र के अनुसार अलग झंडे का समर्थ करती है? उन्होंने इस गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस जम्मू कश्मीर में दोबारा धारा 370 और 35 A लाना चाहती है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस को साथ जोड़कर कश्मीर के बदले देश में अराजकता पैदा करना चाहती है. वह दोबार पाकिस्तान से वार्तालाप करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से उम्मीद करता हूं कि उन सारी बातों को याद करे जिसकी वजह से यहां पर अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुई हैं.

'वोट बैंक की राजनीति में कांग्रेस आरक्षण…'
मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने कहा, "कश्मीर आज एक अलग दौर में पहुंच गया है, वह देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए दलितों, गुजर्र, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कराना चाहती है." मोहन यादव ने तंजिया अंदाज में कहा, "क्या शंकराचार्य पर्वत को तख्ते सुलेमान और हरि पर्वत को कोहे मारन नाम से जाना जाएगा, क्या कांग्रेस की यही इच्छा है?" कांग्रेस और एनसी गठबंधन पर सवालों की झड़ी लगाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "कांग्रेस एक बार फिर से बाबा अमराथ की यात्रा पर संकट के बादल मंडराना चाहती है. इन्हीं सब कारणों की वजह से जम्मू कश्मीर में हमेशा अशांति बनी रही, जिसकी वजह से धारा 370 और 35 A था."

कांग्रेस-एनसी पर सीएम ने लगाये ये आरोप
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "जम्मू और कश्मीर के बीच विभाजन का काम कांग्रेस ने लंबे समय तक कराया और उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस की बड़ी भूमिका थी." उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि आज कश्मीर का जो बदलता दौर है इस बदलते दौर में कांग्रेस फिर उन अराजक तत्वों के साथ मिल रही है, जिसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए" सीएम मोहन यादव ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव की राजनीति में दलों की सीमा भले हो सकती है, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस को विचार करना चाहिए." उन्होंने कहा, "कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विचार करें कि उनको नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ खड़े होने की कौन सी मजबूरी थी, उसका जवाब जनता जानना चाहती है.

जम्मू कश्मीर चुनाव का शेड्यूल
बता दें, जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में 18 सितंबर को प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर, दूसरे चरण में 25 सितंबर को 26 विधानसभा सीटों पर और तीसरे चरण में 1 अक्तूबर को 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा. जबकि वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.