Madhya Pradesh

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सरकार की भावना है कि गरीब से गरीब बहनों के घर में भी सरकारी योजनाएँ पहुँचे

भोपाल

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम हाउस में आयोजित ‘रानी दुर्गावती महिला सरपंच सम्मेलन एवं रक्षाबंधन कार्यक्रम’ में भाग लिया। इस अवसर पर महिला सरपंचों ने उन्हें विशाल राखी भेंट कर पर्व की शुभकामनाएँ दी। साथ ही उनकी कलाई पर भी बांधी। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, राज्य मंत्री राधा यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिला सरपंच उपस्थित रहीं।

मुख्यमंत्री निवास में हुआ रक्षाबंधन कार्यक्रम

‘रक्षाबंधन कार्यक्रम’ में सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास में सभी बहनों का स्वागत करते हुए कहा कि आज हम सब महारानी दुर्गावती के नाम पर इकट्ठे हुए हैं और बीजेपी सरकार सभी महिलाओं को उन्हीं की तरह सशक्त और मज़बूत बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘कल दस तारीख को एक साथ पूरे प्रदेश में सिंगल क्लिक के जरिए 1250 और 250 रूपये दोनों राशि मिलाकर बहनों के खाते में 1500 रूपये खाते में अंतरित किए जाएँगे। 1 करोड़ 49 लाख लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का उपहार दिया जाएगा। ये उनके मुँह पर तमाचा है जो कहते थे कि योजना बंद हो जाएगी। हम योजना बंद नहीं कर रहे बल्कि राखी का त्यौहार मनाने के लिए बहनों को 250 रूपए अतिरिक्त राशि दी जा रही है। हमने अपने संकल्प पत्र में जो जो वादे किए थे, वो सब पूरे किए जाएँगे। हमारे सारे जनप्रतिनिधि कल से लेकर रक्षाबंधन तक प्रदेशभर में बहनों से राखी बंधवाएँगे।‘

मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती के वीरता के इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहनों के लिए विभिन्न योजनाएं लाए। उज्ज्वला से लेकर तमाम ऐसी योजनाएं हैं। 450 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। 11500 करोड़ रूपये की राशि लाडली बहनों के खाते में दिए। लाडली बहना के 1250 रूपये और 250 रूपये रक्षा बंधन मानने के लिए बहनों को देंगे। जो संकल्प पत्र ने कहा है वह सभी वादे पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में केवल भारत ही है जो भारत माता धरती माता को पूजता है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में सरकार रक्षाबंधन की थीम पर विभिन्न महिला सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री आवास में भी अलग-अलग समूहों को बुलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को महिला सरपंच आई हैं। महिला सरपंचों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंच से संवाद किया। इस मौके पर महिला सरपंच मुख्यमंत्री को राखी भी बांधेंगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सम्मेलन के दौरान मंच से सीएम डॉ. मोहन यादव महिला सरपंचों के हित में कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं।

‘शादी या अन्य अवसर पर अनावश्यक खर्च न करें’

इस दौरान उन्होंने उपस्थित महिलाओं सहित सभी लोगों से कहा कि अनावश्यक खर्चों में कटौती करें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सरकार की भावना ये है कि गरीब से गरीब बहनों के घर में भी सभी सरकारी योजनाएँ पहुँचे। सभी ये आह्वान करें कि हमें फ़ालतू खर्च भी कम करने का संकल्प लेना है। कई बार हम ज़मीन बेचकर भी तेरहवीं जैसे आयोजन करते हैं। लेकिन हमें ये नहीं करना है। पैसा बचाकर अपनी बहन बेटी बेटे को पढ़ाए। शादी में भी हमें अनावश्यक खर्च नहीं करना है।’

सीएम मोहन यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘मेरे बेटे की शादी में भी वर वधू दोनों पक्ष मिलाकर सिर्फ़ सौ लोग ही मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि विवाह में फ़ालतू खर्च रोकना चाहिए। जब चुने हुए जनप्रतिनिधि ये करेंगे तो समाज में नीचे तक ये संदेश जाता है। इस अवसर पर उन्होंने सरपंचों से कहा कि देवउठवी एकादशी के बाद आप पंचायत में जनपद में बड़े सामूहिक विवाह का आयोजन करें। सरकारी पैसे से विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ ताकि लोगों की मेहनत का पैसा बचे और वो अनावश्यक खर्च न करें और उनपर क़र्ज़ न हो।’ उन्होंने कहा कि आज हमें ये संकल्प लेना है कि शादी-ब्याह या मृत्यु होने पर अनावश्यक खर्च नहीं करना है। अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए खर्च करना है और इसमें सरकार भी सहयोग करेगी। हमारे बाद की पीढ़ी आगे बढ़ना चाहिए। हम सब संकल्प लें कि अपने परिवार में ये माहौल बनाएँगे और इसे आंदोलन का रूप देंगे।

बहनों ने मुख्यमंत्री को भेंट की 40 फीट की राखी

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को सफल बनाने का आह्नान भी किया। उन्होंने कहा कि सब अपने अपने क्षेत्र में सभी जगह तिरंगा लगवाएँ और सुनिश्चित करें कि उनकी पंचायत में हर घर में तिरंगा लगे। सीएम ने कहा कि रक्षाबंधन के बाद हम जन्माष्टमी भी धूमधाम से मनाएँगे। श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व हम सब मिलकर वृहद् स्तर पर मनाएँगे। इस रक्षाबंधन कार्यक्रम में वहाँ मौजूद बहनों ने सीएम मोहन यादव को 40 फीट की राखी भेंट की। इसी के साथ महिलाओं ने उनकी कलाई पर भी राखी बांधी।