मणिपुर हिंसा के बाद शरणार्थी कैंप में रहने को मजबूर 25,000 लोग, लोकसभा चुनाव में भी करेंगे वोट
इंफाल.
मणिपुर हिंसा के 11 महीने बाद चुनाव आयोग राज्य में लोकसभा चुनाव कराने के चुनौतीपूर्ण काम के लिए कमर कस रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार झा ने बताया कि 24,500 से अधिक विस्थापित लोगों को आगामी चुनावों में मतदान करने के लिए मतदाता के तौर पर पहचान किया गया है। राहत शिविरों में रहने वाले मतदाताओं को मदतान देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
हिंसा के बीच मणिपुर में हो रही लोकसभा चुनाव तैयारियां
लोकसभा चुनाव के लिए मणिपुर में कुल 2,955 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। विस्थापित लोगों को मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए 94 विशेष मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। प्रदीप कुमार झा ने कहा, "राज्य में मतदान कराने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। हमने मतदाता जागरूकता गतिविधियां भी शुरू कर दी है। मणिपुर हिंसा के बाद कुछ लोगों में निराशा और नकारात्मकता है। ऐसे में ये गतिविधियां विस्थापित लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।"
पिछले साल तीन मई से जारी हिंसा में अबतक 219 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा के कारण 50,000 के करीब लोग विस्थापित हो गए। वे फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे हैं। बता दें कि मणिपुर में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होगा।