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18वीं लोकसभा में सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच चल रही सियासी रस्साकशी सुलझ गई

नई दिल्ली
संसदीय समितियों के गठन को लेकर 18वीं लोकसभा में सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच चल रही सियासी रस्साकशी सुलझ गई है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को गृह, रक्षा और वित्त मंत्रालय जैसी अहम समितियों की अध्यक्षता तो नहीं मिली, लेकिन विदेश, शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालयों की समिति की कमान मिल गई है।

समिति अध्यक्ष के लिए दिग्विजय का नाम भी
कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर को विदेश मंत्रालय तो दिग्विजय सिंह का नाम शिक्षा मंत्रालय से संबंधित समिति का अध्यक्ष बनाने के लिए भेज दिया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने कृषि संबंधी स्थाई समिति तो ओडिशा के लोकसभा सांसद सप्तगिरि उलाका को ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव भी संसदीय सचिवालय को भेज दिया है।

चन्नी का नाम कृषि संबंधी स्थाई समिति के लिए भेजा गया
किसानों के आंदोलन और उनके मुद्दों की सियासी गरमी की पृष्ठभूमि में कृषि मंत्रालय संबंधी स्थाई समिति विपक्षी दल के पाले में आने अहम है। इसके मद्देनजर ही कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का नाम कृषि संबंधी स्थाई समिति के लिए भेजा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता करेंगे और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शिक्षा पर समिति की अध्यक्षता करेंगे, पार्टी सूत्रों ने गुरुवार को बताया। वंचित वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के सियासी एजेंडे का भी ध्यान रखा है। इसी रणनीति के तहत चन्नी के साथ को भागीदारी देने के लिहाज से ही कोरापुट से दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीते सप्तगिरि उलाका और चन्नी का नाम अहम है। वहीं राज्यसभा कोटे से शिक्षा, महिला, बाल, युवा तथा खेल मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्षता मिली है।

विपक्ष के पास थी गृह मंत्रालय समिति की अध्यक्षता
17वीं लोकसभा में गृह मंत्रालय की समिति की अध्यक्षता विपक्ष के हाथों में थी। 16वीं लोकसभा में 2014 से 2019 तक विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति की कमान कांग्रेस के पास रही थी और तब भी शशि थरूर ही इसकी अध्यक्षता कर रहे थे। संसदीय स्थायी समितियां विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के बजटीय आवंटन और संसद में पेश किए गए विधेयकों की जांच परख करने के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधेयक लाने और नीतियां बनाने की सिफारिश भी करती हैं। मुख्य विपक्षी दल के नाते संसद की सबसे अहम लोक-लेखा समिति की कमान कांग्रेस के पास है जिसकी अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल संभाल रहे हैं।