बंधक जवान को लेकर खामोशी… माओवादियों के पेशकश पर कोई कुछ नहीं बोल रहा…
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
कोबरा बटालियन का जवान राकेश्वर सिंह मन्हास फिलहाल माओवादियों के कब्जे में है और पूरी तरह सुरक्षित! बस इतना ही पता है, सरकार से लेकर मीडिया तक को।
बीते 3 अप्रेल को बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में हुए मुठभेड़ के बाद करीब 22 जवान लापता थे। 4 अप्रेल को 21 जवानों का शव मौके में मिल गया। वहीं एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास लापता थे। उनकी पता साजी को लेकर कोशिशें की गईं पर सफलता हासिल नहीं हुई। इस बीच माओवादियों ने एक जवान को बंधक बनाए जाने की पुष्टि की।
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कोबरा बटालियन के राकेश्वर सिंह मन्हास को बंधक बनाए जाने की जानकारी देते हुए माओवादियों ने सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा कि वे एक दल बनाकर चर्चा करें और बंधक को रिहा करवा लें।
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माओवादियों के इस प्रस्ताव के 100 घंटे बीत चुके हैं पर सरकार की ओर से किसी भी तरह के संकेत नहीं मिले हैं। बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने अपने बयानों में रिहाई के लिए सर्चिंग आपरेशन चलाने की बात कही थी।
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इधर जवान के परिवार ने प्रधानमंत्री से कैप्टन अभिनंदन की तर्ज पर राकेश्वर सिंह मन्हास की माओवादियों से सकुशल रिहाई के लिए प्रयास करने का अनुरोध किया है। इसके बावजूद मैदानी स्तर पर कोई पहल दिखाई नहीं दे रही है।
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माओवादियों के प्रवक्ता विकल्प ने 7 अप्रेल को बंधक जवान के सुरक्षित होने की पुष्टि करते रिहाई के संकेत तो दिए हैं। इसके लिए एक दल को भेजने के लिए भी कहा है।
बीजापुर के पत्रकार गणेश मिश्रा ने इम्पेक्ट से चर्चा में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि माओवादियों के प्रस्ताव में सरकार की ओर से कोई दल गठित किया जाता है जिसमें पत्रकारों को शामिल किया जाएगा तो वे शामिल नहीं होंगे। मिश्रा का कहना है कि इस तरह से बस्तर के पत्रकार माओवादी और सरकार के लिए किसी तरह से पार्टी बनने को तैयार नहीं है।
सूत्रों का दावा है कि बीजापुर जिले के मुठभेड़ वाले इलाके में पुलिस का कोई सर्चिंग आपरेशन नहीं चल रहा है। इससे यह संकेत माना जा रहा है कि यह जवान की रिहाई के लिए रास्ता तैयार करने की कोशिश है।