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गरीब बुजुर्गों की मदद करने में मिलती है खुशी…बैंक सखी बनकर मोनिका कर रही यह नेक काम…

इम्पेक्ट न्यूज़.सुकमा।

नक्सलगढ़ में गरीब बुजुर्गों की मददगार के रूप में सामने आई है मोनिका जो इन दिनों तेज गर्मी के बीच लोगो की मदद कर रही है। वो बैंक सखी बनकर मदद कर रही है।

जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोर्रा में रहने वाली मोनिका कश्यप ने बताया कि इस क्षेत्र के अधिकतर पेंशनरों का बैंक खाता सुकमा या गादीरास में है। इस क्षेत्र में यातायात के सार्वजनिक साधन बहुत कम हैं और जो भी हैं, वे लाॅक डाउन के कारण नहीं चल रहे हैं। इस स्थिति में क्षेत्र के गरीब बुजुर्गों को अपनी पेंशन की राशि निकालने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। क्षेत्रवासियों की इन्हीें समस्याओं को देखते हुए इसका समाधान निकालने के लिए स्थानीय युवतियों को बैंक सखी बनाया गया और अपने-अपने क्षेत्रो में पेंशन या मनरेगा आदि के भुगतान की जिम्मेदारी दी गई। मोनिका ने बताया कि वह भी इस कार्यक्रम से जुड़ गई और क्षेत्र के गरीब बुजुर्गों तक उनके पेंशन की राशि पहुंचाकर खुशी होती है।

मोनिका ने बताया कि वह स्वयं अभी स्नातक की पढ़ाई कर रही है। गरीब किसान परिवार की मोनिका की पांच बहनें और एक भाई है। भारी-भरकम परिवार के आय में पिता की मदद के लिए मोनिका लगभग तीन साल पहले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विहान से जुड़ गई। विहान से जुड़ने के कारण दुरस्थ क्षेत्रों में पेंशन और मनरेगा आदि खातों के भुगतान की जिम्मेदारी सौंपते हुए बैंक सखी बनाया गया। इस दायित्व के मिलने के बाद वह कोर्रा के साथ ही डोडपाल, चिंगावरम, एटपाल आदि ग्राम पहुंचकर बुजुर्ग पेंशनरों को पेंशन और ग्रामीण मजूदरों को मनरेगा की राशि का भुगतान करती है। वहीं अपने पेंशन या मजदूरी का भुगतान गांव में ही होने से ग्रामीणों में भी खुशी देखी जा रही है।
लाॅक डाउन के कारण आवागमन में आई बाधा के कारण परेशान ग्रामीणों को अब बैंक सखियों के कारण काफी राहत मिली है। बैंक खातों में जमा होने वाली पेंशन की रकम निकालने के लिए बैंक जाने में उन्हें परेशानी होने लगी। बुजुर्ग पेंशनरों की इस समस्या का समाधान बनकर आईं बैंक सखियां, जिन्होंने इन पेंशनरों के गांवों और घरों तक पहुंचकर पेंशन की राशि का भुगतान किया। इन बैंक सखियों के कारण मनरेगा के मजदूरों को भी बड़ी राहत मिली।

कलेक्टर चन्दन कुमार के मार्गदर्शन में अब सुकमा जिले में पेंशन और महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यरत मजदूरों का मजदूरी सहित अन्य भुगतान बैंक सखी के माध्यम से किया जा रहा है। बैंक सखी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य होती है। बैंक सखियों को बैंकिंग कार्यो के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इन बैंक सखियों को प्रति ट्रांसक्शन पर सीएससी व बैंक द्वारा कमिशन दिया जाता है, हितग्राहियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है। जिले के अंतर्गत वर्तमान में 20 बैंक सखी हैं। जिनके द्वारा पेंशनरों को उनके पेंशन का भुगतान गांव पर घर पर ही जाकर किया जा रहा है। इस तरह भुगतान होने से पेंशनरों को बैंक जाकर पैसा निकालने की समस्या से निजात मिल रही है। इस प्रकार बैंक सखी भी कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण में सहयोग प्रदान कर रहीं हैं। कलेक्टर श्री चंदन कुमार के निर्देशानुसार बैंक सखियों की संख्या बढ़ाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सके।


इस प्रकार बैंक सखी के माध्यम से बैंक खाताधारी ग्रामीण को मजदूरी भुगतान, पेंशन व अन्य बैंकिंग कार्यों संबंधी ट्रांजैक्शन गांव में ही कर सकते हैं। बैंक सखी के होने से बैंक जाने की आवश्यकता अब ग्रामीणों को नहीं होती है। बैंक सखियों ने बैंक की दूरी को मजदूरों के लिए खत्म कर दिया है। मजदूरों को कार्यस्थल पर ही मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। इसके तहत आठ लाख रुपये से अधिक राशि का ट्रांजैक्शन बैंक सखियों के द्वारा किया जा चुका है। इस दौरान कोरोना वायरस से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। साथ ही मुंह पर मास्क और लेनदेन की प्रक्रिया के पहले और बाद में अच्छे से हाथों को सैनिटाइज भी कर रही हैं।

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