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सांस नहीं ले रहा था नवजात… 3 इडियट्स के ‘रैंचों’ के जैसे मुंह में फूंका… अब सब ऑल इज वेल…

इम्पैक्ट डेस्क.

कानपुर में हैलट के न्यूरो सर्जरी विभाग में मंगलवार को समय पूर्व पैदा हुए एक बच्चे की स्थिति फिल्म थ्री ईडियट्स के प्रिया के बच्चे की तरह हो गई। बच्चा सांस नहीं ले रहा था, धड़कन भी सुनाई नहीं दे रही थी। इसके बाद न्यूरो सर्जरी विभाग में एमसीएच कर रहे तीन डॉक्टरों ने रैंचों बनकर बच्चे को मुंह से सांस दी।

कुछ देर में वह रो पड़ा और सांस क्रिया व दिल की धड़कन सामान्य हो गई। बच्चे को बालरोग अस्पताल के एनआईसीयू में और उसकी मां को जच्चा-बच्चा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। न्यूरो साइंसेज विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि जच्चा-बच्चा की स्थिति सामान्य है। स्त्री रोग विभाग से डॉक्टर बुलाने के पहले ही प्रसव हो गया था। गर्भवती महिला संध्या (25) हिम्मापुरवा कानपुर देहात की रहने वाली है। 26 जून की रात पति से शराब पीने को लेकर झगड़ा हुआ था। पति ने गुस्से में उसे घर की पहली मंजिल से धकेल दिया।

उसके सिर में गहरी चोट आई थी। स्थानीय डॉक्टरों के हाथ खड़े कर देने पर उसे न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह के अंडर में भर्ती किया गया। सिर की हड्डी टूटी थी और ब्रेन हेमरेज से खून के थक्के जम गए थे। गर्भस्थ शिशु की जांच की गई तो वह ठीक था। संध्या की स्थिति बेहतर हुई तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। घर जाकर दवा छोड़ दी, जिससे उसे दौरे आने लगे और उसे दो दिन पहले भर्ती किया गया। डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि मंगलवार को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और आठ महीने में ही बच्चे का प्रसव कराया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ को बुलाने का समय नहीं था तो एमसीएच छात्रों ने नर्स के साथ प्रसव कराया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने विभाग को बधाई दी है।