तेलंगाना से झारखंड के लिए पैदल निकले मजदूर पहुंचे जगरगुण्ड़ा… पुलिस ने रोका
इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा परेशान मजदूर वर्ग हो रहा है। पिछले 4 दिनों से पैदल चलकर 67 मजदूर घोर नक्सल प्रभावित जगरगुण्ड़ा पहुंचे जहां पुलिस ने उन मजदूरों को रोक दिया। जहां ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने उन्हे गांव में ठहराया और खाने की व्यवस्था की। वही इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी।
आज सुबह करीब 5 बजे घोर नक्सल प्रभावित जगरगुण्ड़ा गांव के समीप अचानक लोगो का झूंड दिखा दरअसल इस इलाकें में इतने लोग एक साथ नहीं दिखाई देते है। करीब 67 मजदूर अपने कंधों पर सामान लेकर पैदल ही पहुंचे। यहां पुछताछ करने पर उन्होने बताया कि वो मंनूहरू भद्राड्री जिला के पावर प्लांट में काम करते थे और वहां 4 दिनों से पैदल चलकर यहां पहुंचे है और आगे झारखंड के गड़वा जिला जाना है। थाना प्रभारी अशोक यादव ने उन सभी मजदूरो को गांव के समीप आश्रम के सामने पेड़ के नीचे ठहराए और खाने की व्यवस्था कराई और ग्रामीणों की मदद से उन्हे खाने की व्यवस्था करा दी। इधर जिला पंचायत सदस्य अदम्मा मरकाम, दुर्गा नायडू व सुरेश पोंदी ने उन सभी मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की। मजदूरो को सोशल डिस्टेंस में बैठाया गया। और इसकी सूचना उच्च अधिकारियो को दे दी गई।
सुबह-सुबह इतने लोगो को आता देख अर्लट हो गए थे जवान
जगरगुण्ड़ा गांव जो पुरी तरह कटरीले तारों से घिरा हुआ है। यहां पर जवान दिन-रात तैनात रहते है। शाम ढलते ही ना तो कोई बाहर जा सकता है और ना तो कोई अंदर प्रवेश कर सकता है। गेट पर ताले लग जाते है और जवान डयूटी पर तैनात हो जाता हैं। क्योंकि नक्सल प्रभावित होने के कारण यहां इतनी संख्या में कोई नहीं आता। इसलिए इतने लोगो को देख जवान अर्लट हो गए थे लेकिन जब नजदीक आए तो पुछताछ किया तो उन्होने मजदूर होना बताया उसके बाद जवानों ने गेट खोल उन्हे गांव के भीतर आने दिया और रूकने की व्यवस्था की।
सड़क के रास्ते रोक दिए जाते थे इसलिए चुना जंगल का रास्ता
मजदूरों ने बताया कि उन्होने जंगल का रास्ता इसलिए चुना की सड़क पर आने से तेलंगाना में रोक दिया गया था वहां ना तो खाने दिया गया और ना ही कुछ और व्यवस्था की गई। इसलिए जंगल के रास्ते घर तक पहुंचने का निश्चय किया और निकल लिए। बासागुड़ा थाने होते हुए वो जगरगुण्ड़ा पहुंचे है। साथ ही दो दिन से भूखे थे। लेकिन यहां पहुंच कर थोड़ा उन्हे राहत मिली है।
चार दिन से थे भूखे, बासागुड़ा में खिलाया खाना – अफजल खान
गढ़वा झारखंड जा रहे मजदूर अफजल खान ने दूरभाष पर बताया कि तेलंगाना में काम कर रहे थे वहां के कान्ट्रेक्टर ने लाक डाउन के कारण काम बंद करने के बाद घर जाने को कह दिया। ना तो पैसे थे और ना ही खाने का सामान। ऐसे हम लोग भूखे ही पैदल निकल गए। जब कल यानि 11 मई की सुबह बासागुड़ा पहुंचे तो वहां हमे भोजन दिया गया। जहां दोपहर के खाने के बाद जंगल के रास्ते हम लोग जगरगुण्ड़ा के लिए निकल पड़े।
इम्पेक्टर से चर्चा करते हुए जगरगुण्ड़ा निवासी सुरेश पोंदी ने बताया कि आज सुबह 67 मजदूर पैदल जगरगुण्ड़ा पहुंचे है इन्हे यहां पर रोका गया है। पुलिस ने पुछताछ की उसके बाद यहां पर ग्रामीणों के मदद से खाने की व्यवस्था की गई है।
इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी ने बताया कि जगरगुण्ड़ा थाना प्रभारी ने सूचना दिया हैं कि तेलंगाना में कार्य कर रहे मजदूर पहुंचे है। उन मजूदरो के भोजन की व्यवस्था कर दी गई है। और इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई आगे जैसा आदेश मिलेगा वैसी कार्रवाई की जाऐंगी।