District Beejapur

मनवा बीजापुर की निकली हवा, खम्भों पर जगमगाती रंगीन रोप लाइट हुई बंद… प्रशासन को फिक्र ना जनप्रतिनिधियों को पड़ रहा फर्क, सालभर पहले नगर की शोभा बढ़ाने लाइट पर फूंके गए थे लाखों…

इंपेक्ट डेस्क.

बीजापुर। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात, कहावत को बीजापुर जिला मुख्यालय भलीभांति चरितार्थ कर रहा है। दरअसल बीजापुर को निखारने-संवारने सालभर पहले मनवा बीजापुर के तहत् मुहिम जिला प्रशासन ने प्रारंभ की थी। जिसमें जनभागीदारी बढ़कर थी। जिला प्रशासन के साथ क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों ने कंधे से कंधे मिलाकर बीजापुर को एक नया स्वरूप देने का संकल्प लिया था। यह तमाम तैयारियां बीते बरस मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के प्रवास को देखते हुए शुरू की गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री का कार्यक्रम निपटने के बाद वक्त जैसे-जैसे गुजरता गया, प्रशासन को याद रहा, ना नेताओं को मनवा बीजापुर की सुध लेने की फुर्सत मिली। नतीजतन सालभर पहले मनवा बीजापुर के तहत् जिन नई कार्ययोजनाओं को धरातल पर लाने की तैयारी थी, अमली जामा पहनाने से पहले ही वे धराशायी हो गए। लोहाडोंगरी की सुंदरता बिगड़ने के साथ नगर मुख्यमार्ग के बीचों-बीच खड़े खम्भे मनवा बीजापुर को मुंह चिढ़ाते प्रतीत हो रहे हैं।

दरअसल सालभर पहले लोहा डांेगरी के कायाकल्प के साथ बीजापुर के मुख्यमार्ग को चमचमाता दिखाने जिला प्रशासन ने रंगीन लाइट रोप खम्भों में लगाए थे। रंग-बिरंगे लाइट शाम ढलते जलने लगते थे। जिसे देख लोग बदलते बीजापुर की कल्पना को साकार होता देखने लगे थे, लेकिन अन्य सरकारी योजनाओं की तर्ज पर इसका भी वही हाल हुआ। कुछ महीनों तक मुख्यमार्ग के स्टीट लाइट की शोभा बढ़ाने और नयनसुख प्रदान करने के बाद यह लाइट जलना बंद हो गई। नतीजतन शाम ढलने के बाद अब केवल खम्भे ही नजर आते हैं, रंग बिरंगी लाइट रोप की चकाचौंध मानो अब गुजरे जमाने की बात हो गई। इस पर अब नगरवासी भी तरह-तरह की बातें करने लगे हैं। रंग-बिरंगी लाइट और लोहा डोंगरी के हश्र पर लोगों की प्रतिक्रिया प्रशासन, विधायक, जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये को लेकर सामने आ रही हैं।