विकास दुबे ओर उसके सहयोगियों के एनकाउंटर पर SC: राज्य सरकार कानून का शासन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार…
इम्पेक्ट न्यूज।
कानपुर में विकास दुबे ओर उसके सहयोगियों के एनकाउंटर की जांच को लोकर सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हैदराबाद में डॉक्टर से रेप करने वालों के एनकाउंटर से यह अलग है।
उनके हाथ में हथियार नहीं थे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार कानून का शासन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें गिरफ्तारी, मुकदमे और सजा की आवश्यकता है।
यूपी डीजीपी का प्रतिनिधित्व करने वाले हरीश साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि तेलंगाना एनकाउंटर से यह अलग है। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के भी मौलिक अधिकार हैं। क्या पुलिस पर अत्यधिक बल का आरोप लगाया जा सकता है, जब वह एक खूंखार अपराधी के साथ लाइव मुठभेड़ में हो?
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह इकलौती घटना नहीं है जो दांव पर है। पूरी व्यवस्था दांव पर है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जांच समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों के संबंध में अधिसूचना का मसौदा 22 जुलाई को पेश कर देगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कुछ बयान देते हैं और फिर किसी बात का पालन किया जाता है तो आपको इसपर गौर करना होगा।