उदवहन सिंचाई योजना के नाम पर मनरेगा में हुआ बड़ा भ्रष्टाचार, जिलापंचायत सदस्य बसन्त ताटी ने लगाया आरोप
ग्राम अर्जुनल्ली में नहर के दोनों किनारे कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वाल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन संबंधित विभाग ने जल संसाधन विभाग से सांठगांठ कर एक दीवार (रिटर्निंग वॉल) को छह भागों में बांटते हुए पार्ट एक से छह तक कुल छह कार्य बताते हुए एक करोड़ पांच लाख चौतीस हजार रुपए की स्वीकृति आदेश जारी किया है ।जब कि नियमों में ऐसा करने का प्रावधान ही नहीं है.. (विस्तृत खबर पढ़े…)
बीजापुर।। जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में संबंधित विभाग द्वारा भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया है। जिला पंचायत सदस्य ताटी ने बताया कि जनपद पंचायत भोपालपटनम के अंतर्गत ग्राम अर्जुनल्ली जल उदवहन सिंचाई योजनातंर्गत विगत लगभग पन्द्रह वर्षों पूर्व निर्मित नहर के दोनों किनारे रिटर्निंग वाल निर्माण कार्य के लिए संबंधित विभाग ने समस्त नियमों को ताक में रखते हुए मनरेगा के तहत विसंगति पूर्ण आदेश जारी किया है । ताटी ने बताया कि बीजापुर जिला पंचायत द्वारा जारी आदेश क्रमांक/4012/जि.प./मु.का.अ.MGNREGA-AS /2019-20 दिनांक 29/02/2020 का अवलोकन करने पर इस बात की पुष्टि होती है कि भ्रष्टाचार करने कि नीयत से ही ऐसा किया गया है। जिला पंचायत सदस्य ने बताया की ग्राम अर्जुनल्ली में नहर के दोनों किनारे कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वाल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन संबंधित विभाग ने जल संसाधन विभाग से सांठगांठ कर एक दीवार (रिटर्निंग वॉल) को छह भागों में बांटते हुए पार्ट एक से छह तक कुल छह कार्य बताते हुए एक करोड़ पांच लाख चौतीस हजार रुपए की स्वीकृति आदेश जारी किया है ।जब कि नियमों में ऐसा करने का प्रावधान ही नहीं है किंतु संबंधित विभाग ने व्यक्तिगत रूप से जल संसाधन विभाग को लाभ पहुंचाने की नीयत से ही ऐसा विसंगति पूर्ण आदेश जारी किया है। ताटी ने बताया की इस रिटर्निंग वाल के निर्माण कार्य के लिए यदि खंड-खंड में कार्य की प्रगति को देखते हुए अलग-अलग कार्य आदेश जारी किया जाता तो यह कार्य ग्राम पंचायत के अधीन हो जाता तथा इस रिटर्निंग वाल को एक कार्य मानते हुए यदि एक साथ स्वीकृति आदेश जारी किया जाता तो यहां कार्य निविदा प्रक्रिया के अधीन होता संबंधित अधिकारी इस तरह दोनों प्रक्रियाओं से अलग हटकर नियम विरुद्ध ऐसा आदेश इसलिए जारी किया कि वह अपने चहेते विभाग से कार्य संपादन कराते हुए जमकर भ्रष्टाचार कर सके ताटी ने इस संपूर्ण मामले से जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया है ।जिला पंचायत सदस्य ने जल संसाधन विभाग पर यह भी आरोप लगाया है कि एक ओर विगत पंद्रह वर्षों तक पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद भी आज पर्यंत उक्त योजना सफल नहीं हो पाया वही दूसरी ओर जिस रिटर्निंग वाल की स्वीकृति आठ माह पूर्व दी गई वह भी आज तक अपूर्ण होते हुऐ कार्य से अधिक राशि का आहरण संबंधित एजेंसी द्वारा कर लिए जाने की आशंका जताई है ।