माफ कीजिएगा…
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सुरेश महापात्र।
आज सुबह से ही मैं मीडिया के संपर्क से बाहर रहा। यदि रहा भी तो अपने हिस्से के पन्ने पर… रात 12 बजे बाद जब टहलने निकला मीडिया के भीतर तो सबसे पहले Rashmi Drolia की पोस्ट पर नज़र पड़ी… पूरा समझ नहीं पाया… कि क्या हुआ? कहाँ और कैसे?
पहले लगा कि किसी एक को आतंकवादी ने गोली मार दी है। फिर चिंता बढ़ी तो बेचैनी को शांत करने के लिए मेन स्ट्रीम मीडिया में निकल गया।
दैनिक भास्कर के एप पर महज़ कुछ मिनट पहले अपडेट की गई लीड खबर ने अंतर्मन को झकझोर दिया… इस वक्त बस में बैठा हूँ लखनऊ से रायपुर की राह पर हूँ… रात के करीब सवा बज रहे हैं। रीवा की घाटी पर बस हिंडोले खा रही है।
मेरा मन विचलित है नींद उड़ी हुई है। पहलगाम रिसोर्ट में आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने अपने खुदा की हत्या कर दी है… क़ुरान में दर्ज उन आयतों में लिखे हर हर्फ़ को आतंकियों ने झुठला दिया है…
बताइए भला इस तरह से नाम और धर्म पूछकर हमने अतीत में किसी आतंकवादी हमले में हत्या का विवरण देखा है। यह साफ है यह जानबूझकर हिंदुस्तान में माहौल बिगाड़ने की अंतरराष्ट्रीय साज़िश है। इसमें हुई मौतें इतिहास बदलने के लिए काफी हैं।
मैं व्यक्तिगत तौर पर किसी भी धर्म के प्रति असहिष्णुता का कभी दुर्भाव नहीं रखने वाली में शामिल रहा हूँ… यह वक्त पूरे हिंदुस्तान की सहिष्णुता की परीक्षा की पराकाष्ठा है…
रुदन की आवाजें मन के भीतर चीत्कार पैदा कर रही हैं। पूरा देह थरथरा रहा है। मन विचलित है। दुखी है… रोने का मन कर रहा है… बदला लेने के लिए तड़प पैदा हुई है।
मुझे नहीं पता किसकी क्या खामी रह गई। मुझे नहीं पता पर्यटकों की सुरक्षा में चूक किस वजह से हुई। मुझे नहीं पता कश्मीर में हमने सब कुछ सुधारा है या सुधार की प्रक्रिया जारी है? मुझे विश्वास है अपने आराध्य के प्रति मैं मौन नहीं रह सकता…
बेगुनाहों को सजा नहीं दे सकता। मुझे नहीं पता इस घटना के बाद ईश्वर व्यथित हैं या नहीं… मुझे नहीं पता मज़हबी आतंकवादियों की इस नृशंस, अमानवीय, विकृत कृत्य से खुदा की आँखें नम हैं या नहीं… मुझे नहीं पता हमारे देश की सेना इसका हिसाब कैसे लेगी? मुझे नहीं पता सरकार इसके लिए ज़िम्मेदार किसे मानेगी?
मुझे पता है जिस तरह से बेगुनाहों का खून आज ईश्वर रचित कश्मीर की वादियों में बहा है। यह लाल रक्त पूरे कश्मीर पर काला धब्बा है। वहाँ की सरकार पर यह धब्बा है।
वहाँ के लिए ज़िम्मेदार हर किसी के लिए धब्बा है। मुझे नहीं पता इस घटना के बाद पूरे देश में किस तरह का माहौल होगा? पर मुझे पता है “राक्षसी प्रवृत्ति का नाश जरूरी है, हर कीमत पर…”