भारत ने बजट में पड़ोसी देशों के लिए खोला खजाना, तालिबान के अफगानिस्तान, नेपाल और श्रीलंका की बल्ले-बल्ले
नई दिल्ली
भारत सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया है। इस बजट में भारत ने अपने पड़ोसी देशों को लिए भी अच्छी खासी रकम रखी है। अफगानिस्तान के तालिबान शासन के लिए इस बजट में 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वित्त वर्ष 2023-2024 में इतनी ही राशि अफगानिस्तान के लिए आवंटित की गई थी लेकिन बाद में इसे 220 करोड़ कर दिया गया था। इसे हाल के समय में भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में आई बेहतरी की तरह भी देखा जा रहा है। इस बजट में भारत के एक और अहम पड़ोसी भूटान के लिए 2068 करोड़ आवंटित किए हैं।
बजट में बांग्लादेश के लिए 120 करोड़, नेपाल के लिए 700 करोड़, श्रीलंका के लिए 245 करोड़, मालदीव के लिए 400 करोड़, म्यांमार के लिए 250 करोड़ और अफ्रीकन देशों के लिए 200 करोड़ रखे गए हैं। यूरेशियन देशों के लिए 20 करोड़, लैटिन अमेरिकन देशों के लिए 30 करोड़, दूसरे विकासशील देशों के लिए 125 करोड़ और मॉरिशस के लिए 370 करोड़ रखे गए हैं। साथ ही चाबहार पोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
बजट में की गई हैं ये अहम घोषणाएं
इस बजट में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कई अहम घोषणाएं की गई हैं। बजट में 2.66 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए रखे गए हैं। कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का बजट है। इस बजट में एक अहम घोषणा ये की गई है कि न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है। नए रिजीम तीन लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं होगा। सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट की छह महीने में समीक्षा की जाएगी। इनकम टैक्स को आसान बनाया जाएगा और टीडीएस समय पर ना देने को अपराध नहीं माना जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत में ही ऐलान किया कि शिक्षा और रोजगार के लिए बजट में 1.48 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। बजट रोजगार, प्रशिक्षण, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर केंद्रित रहेगा। बजट भाषण देते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि लगातार चमक रही है जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी नीतिगत अनिश्चितता की चपेट में है। देश की मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है और 4 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, और मुख्य मुद्रास्फीति 3.1 प्रतिशत है।