बस्तर टॉक : जीवन के शब्द ही हमारे संस्कारों में है : धनराज डेगल
बस्तर टॉक में शामिल हुए युवा लेखक धनराज डेगल
हेमंत पाणिग्राही. जगदलपुर।
बस्तर टॉक के पहले सीज़न में युवा लेखक धनराज डेगल ने बस्तर के युवा और लेखन विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आप जीवन में जब विषम परिस्थितियों में होते हैं तो हम सम परिस्थितियों की परिकल्पना करते हैं।इन्ही परिस्थितियों में बहुत मेहनत करके अपने सपनों को आकार व साकार करने में जुट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आपके जीवन के आस-पास जो भी घटनाएं घटित होती है।वह हमारे लिये जीवन का संदर्भ हो जाता है और हम उन्हीं संदर्भों को लेखन का स्वरूप देते हैं।उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में ज्यादा हमें अपने कलात्मक चीजों पर फोकस करना चाहिए।
गूगल हमें जानकारी तो दे सकता है लेकिन जीवन का सम्पूर्ण दर्शन नहीं दे सकता है। युवा लेखक डेगल ने कहा कि हम जीवन में शब्दों के संस्कारों को ही जीते हैं और जीवन की मौलिकताओं को साहित्य के रूप में देखना व पढ़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके लिए छोटी सी उम्र में उपन्यास लिखना चुनौती थी लेकिन अपने मजबूत इरादों के साथ दो उपन्यास इंग्लिश में लिखे चुके हैं। पाठक बेहद पसंद कर रहे हैं।
दंतेवाड़ा के छोटे से गांव तुमनार मे रहने वाले धनराज डेगल जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र रहे हैं। उन्होंने ‘नेवर बिलीव माय स्टोरी’ व ‘फेरी इन ब्लैक’ दो उपन्यास लिख चुके हैं और इन दिनों वे अपने तीसरे उपन्यास के लेखन में जुटे हुए हैं।
धनराज डेगल को बड़ी पहचान तब मिली जब दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी के नवाचार कार्यक्रम “संवाद-पहल-प्रेरणा की” के तहत शामिल कर प्रशासन से जुड़ने व समझने की कोशिश की गई।