Big news

सरकार का बड़ा कदम : सिलेंडर का वजन अगर लग रहा है कम, तो इस तरह लगा पाएंगे कहीं गैस तो नहीं हुई चोरी…

इम्पैक्ट डेस्क.

भले ही कई जगहों पर एलपीजी गैस पाइपलाइन पहुंच गई हो, लेकिन अब भी दूर-दराज गांवों में गैस सिलेंडर से ही लोग काम चलाते हैं। यहां तक कि शहरों में भी ज्यादातर इलाकों में गैस सिलेंडर की ही डिलीवरी की जाती है। लेकिन इन सबके बीच एक शिकायत जो सबसे ज्यादा आती है, वो है गैस चोरी की शिकायत। दरअसल, गैस डिलिवरी करने वाले लोग या एजेंसी लोगों के सिलेंडर में से थोड़ी-थोड़ी गैस निकालकर उसे बेच देते हैं। ऐसे में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि सरकार ने इसके लिए कमर कस ली है, क्योंकि अब एलपीजी सिलेंडर पर क्यूआर कोड लगा होगा जो गैस चोरी करने वालों को ट्रैक करने में मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। आप अगली स्लाइड्स में इसके बारे में जान सकते हैं…

दरअसल, सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके अंतर्गत एलपीजी गैस सिलेंडर में क्यूआर कोड लगा होगा जो कई तरह की जानकारियां देने में मदद करेगा। इससे गैस चोरी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

क्यूआर कोड देगा जानकारी
एलपीजी गैस सिलेंडर पर लगे क्यूआर कोड से ये पता लगाने में आसानी होगी कि सिलेंडर की कितनी बार रिफलिंग हुई है यानी ये कितनी बार भरा गया है।

क्यूआर कोड की मदद से ये भी पता लगाया जा सकेगा कि कौन से सिलेंडर की कौन से डीलर से डिलीवरी हुई है, क्योंकि इसमें वो डाटा मौजूद रहेगा। इस सिलेंडर की डिलिवरी आपके घर फरवरी 2023 से होने लगेगी।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस क्यूआर कोड वाले सिलेंडर के बारे में जानकारी देते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने बताया कि ‘सभी एलपीजी गैस सिलेंडर पर सरकार क्यूआर कोड लगाने जा रही है। इससे गैस सिलेंडर की ट्रैकिंग करना आसान होगा और गैस चोरी करने वालों को पकड़ा जा सकेगा।