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बसों से 130 मजदूरों को भेजा गया घर, छलके खुशी के आंसू

इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा
तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा समेत अन्य राज्यों में फंसे हुए मजदूर जो पैदल चलकर कोंटा पहुंचे थे। उन्हे यहां पर क्वारीटाईन किया गया था। पिछले कई दिनों से वो कोंटा क्वारीटाईन सेंटर में थे। उन सभी मजदूरों को कल दो बसों में बैठाकर उनके घर भेज दिया गया। इस दौरान मजदूरों के आंखों में खुशी के आंसू आ गए। सभी मजदूरों ने स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन का धन्यवाद किया। ये सभी मजदूर मुंगेली, कर्वधा इलाके के थे। जो काम करने के लिए दुसरे प्रदेश में गए हुए थे।

ये खुशी के आंसू है साहब
मुस्कुराते हुए उम्मीदों की धर वापसी जी हां ये आंसू दुख के नहीं बल्कि खुशी के थे उन मजदूरों के आंखों में जो अपने परिजनों से दूर एक-एक पल ऐसे निकाल रहे थे मानो कब क्या हो जाऐं। कोंटा क्वारीटाईन में रखे गए 130 मजदूरों को बस में उनके घर भेजा गया। सभी मजदूर खुश थे और स्थानीय व जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया साथ ही वहां काम कर रहे चपरासी और खाने बनाने वालों का शुक्रिया कहा। ऐसे ही हररोज मजदूर क्वारीटाईन सेंटर में आ रहे है। यहां उन मजदूरों का ख्याल रखा जा रहा है।

जब पैदल निकले थे तब नहीं सोचे थे कि घर पहुंच पाऐंगें

कुछ मजदूरों का कहना था कि जब वो पैदल घर के लिए रवाना हुए थे तब ऐसा लग रहा था कि कही बीच रास्ते में ही हमारा दम ना टूट जाऐं। रास्ते में ना तो खाने की व्यवस्था और ना ही बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था। लेकिन जब कोंटा पहुंचे और यहां पर क्वारीटाईन किया गया तब हमे उम्मीद जागी। क्योंकि यहां पर खाने व पीने की व्यवस्था अच्छी थी। अब हमे घर भेजा जा रहा है इसलिए लिए जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन का बहुत बहुत धन्यवाद।

स्क्रीनिंग के बाद भेजा गया घर
एसडीएम हिमांचल साहू व उनकी टीम ने पहले सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराई उसके बाद उन्हे कोरोना को लेकर कई अहम बाते बताई। उन्होने कहा कि यहां से जाने के बाद वो होम क्वारीटाईन रहे और सावधानी बरते। परिजनों से भी शारीरिक दूरी बनाकर रखे। और अपना ख्याल रखे।

कोंटा में 4 क्वारीटाइन सेंटर

प्रदेश का अंतिम छोर कोंटा जो आन्ध्र प्रदेश, उड़ीसा व तेलंगाना की सीमा से लगा हुआ है। जब से लाक डाउन हुआ है और मजदूरों के आने का सिलसिला जारी हुआ है तब से यहां का स्थानीय अमला दिन-रात मेहनत कर रहा है। यहां पर पहले 2 क्वारीटाईन सेंटर बनाऐं गए थे। लेकिन बाद में कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर 4 क्वारीटाईन सेंटर बनाऐं गए है। यहां पर हर रोज सैकड़ों की संख्या में मजदूर आ रहे है। ऐसे में उन्हे संभालना काफी चुनौतीपूर्ण काम है।

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