जब गृहमंत्री अमित शाह को जवानों ने बताया ‘मोर्चा छोड़कर हेलिकाप्टर का इंतजार करना महंगा पड़ा… कुछ ने कहा रणनीतिक चूक का नतीजा…!!’
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
गृहमंत्री अमित शाह के लौटने के बाद अंदर खाने की बात छन—छन कर बाहर निकलने लगी है। 6 अप्रेल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने मुठभेड़ में शामिल कोबरा बटालियन के जवान फट पड़े।
कुछ ने साफ तौर पर इस मुठभेड़ में रणनीतिक चूक की बात भी कही। एक जवान ने कहा ‘शुरूआती दो घंटे तक हमने नक्सलियों को मारा फिर उनकी डैडबाडी लाने के लिए हेलिकाप्टर का इंतजार करना फोर्स को महंगा पड़ गया।’
इस मुठभेड़ को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। फोर्स की सफलता और विफलता के बीच कई तरह के तथ्य हवा में तैर रहे हैं।
इस बीच एचएम श्री शाह के साथ कोबरा बटालियन के उन जवानों से चर्चा की बात बाहर आई है जिसमें उन्होंने पूरे मामले में मुठभेड़ में शामिल जवानों से सीधे जानने की कोशिश की थी।
एक जवान से कहा कि कोबरा 210 बटालियन का मुख्यालय आसाम में है। जिसके कारण कई तरह से सूचनाओं के आदान—प्रदान और निर्णय लेने में प्रभाव पड़ता है। इसके मुख्यालय को बस्तर में लाने की मांग एक जवान ने साफ तौर पर रखी।
इसी तरह से एक जवान ने कहा कि हम माओवादियों के खिलाफ हमारा आपरेशन बहुत अच्छा था। हम एंबुश में फंसे थे। उसे तोड़ दिया था। इसमें हमारे तीन जवानों का नुकसान हुआ था। बाकि नक्सलियों का भी नुकसान हुआ था।
हम डैड बाडी रिकवर कर लिए थे। इसके बाद हमारे पास दो घंटा था जहां हम मैदान में उतर गए थे। यह विपरित रहा। हमारे कमांडर निर्णय लेने में देर कर दिए। हमारे द्वारा उस ग्राउंड को छोड़ना महंगा पड़ा।
इसी तरह से कई जवानों ने घटना की जानकारी सीधे केंद्रीय गृह मंत्री को दी है। अब आने वाले समय में केंद्रीय गृह मंत्रालय जवानों से संवाद के बाद क्या निर्णय लेगा यह देखना होगा।